धर्म-अध्यात्म

भगवान गणेश कैसे अपने भाई कार्तिक से ज्यादा शक्तिशाली साबित हुए

Manish Sahu
28 Aug 2023 3:54 PM GMT
भगवान गणेश कैसे अपने भाई कार्तिक से ज्यादा शक्तिशाली साबित हुए
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धर्म अध्यात्म: भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश और कार्तिक की शक्तियों की कहानियां तो बहुत सुनी होगी. इनके झगड़े भी हुए हैं. जी हां आम भाई-बहनों की तरह भगवान शिव और माता पार्वती के बच्चे भी आपस में लड़ झगड़कर बड़े हुए हैं. एक बहुत ही रोचक पौराणिक कथा है कि कैसे गणेश और कार्तिक की लड़ाई खत्म करवाने के लिए उनके माता पिता नें उन्हें पृथ्वी की तीन परिक्रमा करवा दी. लेकिन इस दंड को कैसे बुद्धि दाता भगवान गणेश ने आशीर्वाद में बदल दिया आइए जानते हैं...
पौराणिक कथा के अनुसार एक दिन बाल रूप में भगवान गणेश और उनके भाई कार्तिक का इस बात पर झगड़ा हो गया कि दोनों में से सबसे शक्तिशाली कौन है. दोनों का झगड़ा इतना बढ़ गया कि ये लड़ते-लड़ते अपने माता-पिता के पास पहुंच गए. दोनों ने नादानी में भगवान शिव और माता पार्वती से ही पूछ लिया कि हमें बताएं कि हम दोनों में से शक्तिशाली कौन है. पहले तो माता-पिता ने इन्हें बहलाने की कोशिश की लेकिन बार-बार बच्चों की जिद्द करने पर शिवजी और पावर्ती जी ने बच्चों से कहा कि दोनों अपने वाहनों पर सवार होकर पृथ्वी के तीन चक्कर काटकर आओ. जो भी पहले आएगा वो ही शक्तिशाली कहलाएगा.
कार्तिक भगवान ने जल्द से अपना वाहन मोर निकाला और पृथ्वी के चक्कर काटने निकल पड़े. अब गणेश जी का वाहन तो चूहा था. आश्चर्यचकित होकर कार्तिक ने देखा कि वो जहां से जा रहे हैं भगवान गणेश की सवारी चूहे के निशान पहले से ही वहां मौजूद हैं. लेकिन हैरान करने वाली बात ये थी कि उन्हें रास्ते में कहीं भी गणेश जी नहीं दिखे.
परिक्रमा पूरी करके वो वापस अपने माता पिता के पास लौटे तब उन्होंने देखा की गणेश जी तो पहले से ही यहां मौजूद हैं और खेल रहे रहें. बुद्धिदाता गणेश जी पृथ्वी का चक्कर लगाने गए ही नहीं उन्होंने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर ली. गणेश जी ने कहा था कि माता-पिता की परिक्रमा करना त्रिलोक के समान होती है ऐसे में पृथ्वी तो एक हिस्सा मात्र है. भगवान शिव ने बताया कि वेद पुराणों के अनुसार गणेश सही कह रहे हैं. इसलिए इस परिक्षा में वो अव्वल हुए और इस तरह बुद्धि के दम पर अपने भाई कार्तिक से ज्यादा शक्तिशाली साबित हुए.
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