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सूर्य ने तुला राशि में प्रवेश कर लिया है। सूर्य के तुला में प्रवेश से कई राशियों के लिए बहुत ही अच्छे समय की शुरुआत होने वाली है। खासकर सूर्य का राशि परिवर्तन धनु राशि वालों के लिए बहुत ही लाभ के योग लेकर आ रहा है। आप भी जानें सूर्य के इस राशि परिवर्तन से आपकी राशि पर क्या असर हुआ
कन्या :- व्ययेश होकर धन भाव में भाव में। वाणी की तीव्रता में वृद्धि । पारिवारिक कार्यों में उलझन बढ़ेगा । घरेलू कार्यों पर खर्च बढ़ेगा । पारिवारिक जनों के साथ वाद-विवाद करने से बचें । पेट और पैर की समस्या । माता को शारीरिक कष्ट के कारण तनाव की स्थिति। आंखों की समस्या । दांत की समस्या के प्रति भी सावधान रहने की विशेष तौर पर आवश्यकता है । यह समय स्वास्थ्य की दृष्टि से एवं धन की दृष्टि से प्रतिकूल बना रहेगा। उपाय :- रविवार के दिन तांबे का टुकड़ा श्री हनुमान जी के मंदिर में चढ़ाते रहें
तुला :- लाभेश होकर लग्न भाव में। मानसिक संघर्ष एवं चिंता में वृद्धि सिर की समस्या जैसे माइग्रेन आदि से इस अवधि में तनाव महसूस करेंगे।मन मस्तिष्क में भी उलझन की स्थिति बनी रह सकती है । दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में तनाव के कारण मन असंतुलित रहेगा। रोजगार के साधनों में भी परिवर्तन या तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। साझेदारी के कार्यों के प्रति सावधान रहने की विशेष आवश्यकता है।
वृश्चिक :- राज्येश होकर व्यय भाव में। यात्रा खर्च में वृद्धि । अचानक दूरस्थ यात्रा का भी संयोग बन सकता है । आंखों की समस्या इस अवधि में परेशान कर सकता है। खर्च इस अवधि में बढ़ जाएगा ।परिश्रम में अवरोध अर्थात अधिक प्रयास करने के बाद ही परिश्रम हो पाएगा । पिता के स्वास्थ्य को लेकर भी सतर्क रहने की आवश्यकता है । सरकारी तंत्र से जुड़े लोगों के लिए अपने उच्च अधिकारी से वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। परंतु रोग ऋण शत्रु पराजित होंगे।
धनु :- भाग्येश होकर लाभ भाव में। आय के संसाधनों में सकारात्मक वृद्धि के योग बनेंगे । अचानक धन लाभ का भी योग बनेगा। सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि की पूर्ण संभावना है। पिता के स्वास्थ्य को लेकर तनाव उत्पन्न हो सकता है। संतान के स्वास्थ्य एवं भविष्य को लेकर चिंता की स्थिति हो सकती है ।अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय थोड़ा संघर्षपूर्ण रहेगा। इस अवधि में कार्यों के साथ भाग्य का साथ कम प्राप्त होगा, उपाय :- मूल कुंडली के अनुसार भाग्य सूर्य को मजबूत करने के लिए माणिक रत्न धारण करें।
मकर :- अष्टमेश होकर राज्य भाव में। थोड़े संघर्ष के बाद कार्यों में सफलता। कार्य स्थल पर लक्ष्य पूर्ति हेतु अधिक परिश्रम के बाद ही सफलता। पिता को चोट अथवा ऑपरेशन की स्थिति के कारण घबराहट हो सकता है । माता के स्वास्थ्य को लेकर भी मन अशांत रह सकता है। पुराने रोग इस अवधि में समाप्त होंगे । गृह एवं वाहन सुख को लेकर भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है । सरकारी तंत्र से जुड़े लोगों के लिए यह समय विवाद का हो सकता है । इसलिए उच्च अधिकारी से विवाद करने से बिल्कुल बचते रहे । सीने की तकलीफ यदि पहले से है तो इस अवधि में विशेष सतर्कता बरतें। उपाय :- रविवार के दिन तांबे का टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करते रहें एवं किसी कार्य को करने से पूर्व पिता का आशीर्वाद अवश्य लें।
कुम्भ :- सप्तमेश होकर भाग्य भाव में। पराक्रम में वृद्धि । सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि ।कार्यों में सकारात्मक प्रगति । भाग्य का साथ कार्यों के साथ प्राप्त होगा । पिता के स्वास्थ्य को लेकर मन अशांत रह सकता है। दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में सकारात्मक वृद्धि के साथ-साथ जीवन साथी के स्वास्थ्य को लेकर मन प्रसन्न रहेगा एवं दैनिक रोजगार को लेकर भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। इस अवधि में मन पर नियंत्रण आवश्यक हैं । किसी से अत्यधिक लगाव नुकसान पहुंचा सकता है। उपाय :- सूर्य को नियमित जल देते रहें एवं सूर्य के किसी मंत्र का निरंतर जप करते रहें।
मीन :- रोगेश होकर अष्टम भाव में। स्वास्थ्य में सकारात्मक वृद्धि के साथ-साथ वाणी की तीव्रता में भी वृद्धि होगा। पारिवारिक जनों के साथ वाद विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अतः सोच समझकर ही कोई पारिवारिक निर्णय लें। अचानक खर्च बढ़ सकता है । दांत की समस्या परेशान कर सकता है ।आंखों की समस्या भी इस अवधि में कष्ट दे सकता है। पेट एवं पैर की समस्या पर धन खर्च हो सकता है । पिता के स्वास्थ्य के प्रति विशेष तौर पर सतर्क रहें एवं वाणी पर नियंत्रण रखें। उपाय :- सूर्य की शांति उपासना कराएं अथवा प्रत्येक दिन सुबह के समय सूर्य को जल देते रहें।