धर्म-अध्यात्म

श्री गणेश कैसे बने माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र, जानिए इसकी पौराणिक कथा

Triveni
9 Oct 2020 6:20 AM GMT
श्री गणेश कैसे बने माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र, जानिए  इसकी पौराणिक कथा
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गणपति बप्पा माता पार्वती और भोलनाथ के पुत्र हैं ये तो हम सभी जानते हैं। लेकिन यह बहुत कम लोग जानते होंगे कि गणेश जी मां लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं|
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| गणपति बप्पा माता पार्वती और भोलनाथ के पुत्र हैं ये तो हम सभी जानते हैं। लेकिन यह बहुत कम लोग जानते होंगे कि गणेश जी मां लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ऐसा हुआ था कि लक्ष्मी जी को स्वयं पर बहुत ज्यादा अभिमान हो गया था। यह अभिमान उन्हें इसलिए हुआ था क्योंकि हर कोई उन्हें पाने के लिए लालायित था और सारा जगत उनकी पूजा करता था। इससे उन्हें स्वयं पर अभिमान हो गया था।

उनके अभिमान को विष्णु जी ने भांप लिया था। ऐसे में श्री हरि ने मां लक्ष्मी का घमण्ड व अहंकार ध्वस्त करने का विचार किया। इस उद्देश्य से उन्होंने कहा कि भले ही सारा संसार मां लक्ष्मी की पूजा करता है और सभी उन्हें पाने के लिए व्याकुल रहता है। लेकिन उन्हें फिर भी एक बहुत बड़ी कमी है। वो अभी तक अपूर्ण हैं। यह सुन मां लक्ष्मी ने अपनी यह कमी जाननी चाही। तब विष्णु जी ने उनसे कहा कि जब तक कोई स्त्री मां नहीं बनती है तब तब वह पूर्ण नहीं होती है। ऐसे में वो अपूर्ण हैं।

यह जानकर मां लक्ष्मी अत्यंत व्याकुल हो गईं और उन्हें बेहद दुख हुआ। ऐसे में उन्होंने अपनी सखी माता पार्वती से बात की। उन्होंने कहा कि नि:संतान होना बेहद परेशान कर रहा है। उन्होंने माता पार्वती से कहा कि उनके दो पुत्रों में से गणेश को उन्हें गोद दे दें। माता पार्वती ने उनका दुख दूर करने के लिए यह बात मान ली। बस तभी से गणेश जी माता लक्ष्मी के दत्तक-पुत्र माने जाने लगे। जब मां लक्ष्मी को गणेश जी पुत्र के रूप में प्राप्त हुए तो वे अतिप्रसन्न हो गईं।

मां लक्ष्मी ने गणेश जी को यह वरदान दिया कि जो भी उनकी पूजा करेगा लेकिन गणेश की पूजा नहीं करेगा तो मैं उसके पास नहीं रहूंगी। यही कारण है कि मां लक्ष्मी के साथ हमेशा ही उनके दत्तक पुत्र गणेश जी की पूजा की जाती है।

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