धर्म-अध्यात्म

भगवान विष्णु का आशीर्वाद, मलमास को कैसे मिला, 19 साल बाद सावन में बन रहा खास संयोग

Manish Sahu
17 July 2023 6:45 PM GMT
भगवान विष्णु का आशीर्वाद, मलमास को कैसे मिला, 19 साल बाद सावन में बन रहा खास संयोग
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धर्म अध्यात्म: मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी मलमास में शिव और श्रीहरि की पूजा का विधान है. जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु अधिकमास के स्वामी हैं. भगवान विष्णु कैसे बने मलमास के स्वामी जानें यहां.
मलमास को कैसे मिला भगवान विष्णु का आशीर्वाद, 19 साल बाद सावन में बन रहा खास संयोग
भगवान विष्णु कैसे बने मलमास के स्वामी.
लौंद का महीना, अधिकमास या मलमास 18 जुलाई से शुरू होने जा रहा है और यह 16 अगस्त तक चलेगा. हिंदू धर्म में मलमास का महत्व अन्य महीनों से ज्यादा है. इस दौरान पूजा पाठ को भी बहुत महत्व दिया जाता है. इस साल मलमास होने की वजह से सावन भी दो महीने तक चलेगा. मान्यता है कि मलमास में की गई पूजा बहुत ही फलदायी होती है. मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी मलमास में शिव और श्रीहरि की पूजा का विधान है. जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु अधिकमास के स्वामी हैं. भगवान विष्णु कैसे बने मलमास के स्वामी जानें यहां.
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भगवान श्रीहरि कैसे बने मलमास के स्वामी
धार्मिक मान्यता के मुताबिक अधिकमास या मलमास को सभी मनुष्यों, यहां तक कि देवी-देवताओं ने भी नकार दिया था.इस बात से मलमास बहुत ज्यादा दुखी हुआ. दुखी होकर वह जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि की शरण में पहुंचा. उसने अपना दुख लक्ष्मीपति को सुनाया. मलमास ने कहा कि किसी भी काम के लिए मुझको कोई भी स्वीकार नहीं कर रहा है. हर तरफ मेरी निंदा हो रही है. इतना ही नहीं भगवान कोई मेरा स्वामी बनने के लिए भी तैयार नहीं है. मलमास का दुख सनकर भगवान विष्णु ने कहा कि वह उसको स्वीकार करते हैं और अब से श्रीहरि खुद मलमास के स्वामी हैं.अब से कोई भी मलमास की निंदा नहीं कर सकेगा. यही वजह है कि इस महीने में पूजा-पाठ करने से श्रीहरि की विशेष कृपा बरसाते हैं.
सावन में 19 साल बाद लगेगा मलमास
खास बात यह है कि मलमास या अधिकमास इस साल सावन के महीने लगने जा रहा है. जिसकी वजह से सावन का महत्व पहले से ज्यादा बढ़ गया है. मलमास होने की वजह से सावन इस साल 1 नहीं बल्कि पूरे 2 महीने तक चलेगा.सावन का महीना पूरे 58 दिनों का होगा और 8 सोमवार तक व्रत और पूजा किया जा सकेगा. सावन के महीने में भगवान शिव को पूजा जाता है वहीं मलमास के स्वामी भगवान विष्णु हैं. इस तरह से शिव के साथ श्रीहरि की कृपा भी भक्तों पर बरसेगी. मान्यता है कि तीन साल की तिथियों को मिलाकर अधिकमास बनता है.जानकारी के मुताबिक 19 साल बाद सावन में अधिकमास लगने का योग बना है.
क्या है मलमास की पौराणिक कथा
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक हरिण्यकश्यप नाम के राक्षण ने भगवान ब्रह्माजी को प्रसन्न करने के लिए घोर तप किया था. ब्रह्माजी ने प्रसन्न होतर जब उसे दर्शन दिए तो उसने परमपिता से अमर होने का वरदान मांग लिया. इस दौरान ब्रह्मा जी ने कहा कि वह कोई दूसरा वरदान मांग ले. जिस पर हिरण्यकश्यप ने कहा कि उसे न कोई दिन में मार सके और न रात में. साथ ही उसे साल के 12 महीने में भी मारा नहीं जा सके. इस वरदान को पाकर हिरण्यकश्यप ने खुद को अमर समझकर अत्याचार शुरू कर दिया उसके नाश के लिए भगवान वष्णु को अधिकमास में नरसिंह का अवतार लेना पड़ा. इस महीना का तब से भी खास महत्व है.
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