धर्म-अध्यात्म

28 मार्च को होगा होलिका दहन, इस बार नहीं होगा भद्रा का साया

Gulabi
18 March 2021 10:32 AM GMT
28 मार्च को होगा होलिका दहन, इस बार नहीं होगा भद्रा का साया
x
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है

फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन होलिका दहन होता है और पड़वा के दिन रंग की होली खेली जाती है। होलिका दहन इस बार 28 मार्च को किया जाएगा। इस बार होली पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। बताया जा रहा है कि होलिका दहन के दिन भद्राकाल सुबह सूर्योदय से शुरू होकर दोपहर में समाप्त हो जाएगी, इसलिए शाम को होलिका दहन बिना भद्रा के समाप्त होगा।

इससे पहले 22 मार्च से होलाष्टक लग जाएंगे। होली से पहले के इन 8 दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। कहा जाता है कि इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। इन आठों दिन में मानव मस्तिष्क तमाम विकारों, शंकाओं और दुविधाओं आदि से घिरा रहता है, जिसकी वजह से शुरू किए गए कार्य के बनने के बजाय बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है।
Holi 2021 Date: होली 2021 की तारीख
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 28, 2021 को 03:27 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 29, 2021 को 00:17 बजे
होलिका दहन रविवार, मार्च 28, 2021 को
होलिका दहन मुहूर्त – 18:37 से 20:56
अवधि – 02 घंटे 20 मिनट
अगले दिन दस मार्च को होली खेली जाएगी। कई वर्ष बाद होलिका दहन के समय भद्राकाल की रुकावट नहीं पड़ेगी। बल्कि इस दिन पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण ध्वज योग बन रहा है। जो यश प्रदान करने वाला माना जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. शोनू मेल्होत्रा ने बताया कि होलिका दहन के दिन भद्राकाल सुबह सूर्योदय से शुरू होकर दोपहर करीब डेढ़ बजे ही खत्म हो जाएगा। वहीं शाम को प्रदोष काल में शाम 6:30 से 7:20 तक होगा। पूर्णिमा तिथि रात 11 बजे तक रहेगी।
तीन मार्च से शुरू होंगे होलाष्टक
2020 का होलाष्टक दोष 03 मार्च मंगलवार को प्रारंभ हो रहा है। जो नौ मार्च होलिका दहन के साथ ही समाप्त हो जाएगा। सभी शुभ कार्य वर्जित हैं। नौ मार्च को गोधूलि बेला में होली दहन होगा। 10 मार्च को ही होली खेली जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. अर्रंवद मिश्र ने बताया कि होलाष्टक के पहले दिन अर्थात फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु का उग्र रूप रहता है। इस वजह से इन आठों दिन में मानव मस्तिष्क तमाम विकारों, शंकाओं और दुविधाओं आदि से घिरा रहता है, जिसकी वजह से शुरू किए गए कार्य के बनने के बजाय बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है।
होलिका दहन मुहूर्त
होलिका दहन सोमवार, नौ मार्च
होलिका दहन मुहूर्त: शाम 06: 26 से 08:52 तक
अवधि: 02 घण्टे 26 मिनट
Next Story