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17 मार्च को मनाया जाएगा होलिका दहन का पर्व, जानें इसका महत्व और इसके पीछे का कारण
होलिका दहन का पर्व 17 मार्च को मनाया जाएगा। होलिका दहन मनाने के पीछे का कारण भक्त प्रहलाद को माना जाता है। दैत्यराज हिरण्यकश्यप खुद को ईश्वर मानता था जिसके कारण वह हर किसी से उसकी पूजा करने के लिए बाध्य करता था। लेकिन हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का सबसे बड़ा भक्त था। पुत्र को कई बार समझाने के बाद भी प्रहलाद से विष्णु जी की भक्ति नहीं छोड़ी। ऐसे में हिरण्यकश्यप से अपने पुत्र को कई तरह की यातनाएं देना शुरू कर दिया। फिर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद ली। क्योंकि होलिका को आशीर्वाद था कि वह आग से जल नहीं सकती। इसी कारण होलिका ने अपने भतीजे प्रहलाद को गोद में बैठाकर आग में बैठ गई, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से होलिका जल गई और प्रहलाद बच गए। इस कथा को अधिकतर लोग ही जानते हैं लेकिन इस बात को कम ही लोग जानते हैं कि यह घटना जिस स्थान में घटी वह कहां मौजूद है।