धर्म-अध्यात्म

Holika Dahan जानिए कितनी देर रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त

Tara Tandi
13 March 2025 10:11 AM
Holika Dahan जानिए कितनी देर रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त
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Holika Dahan फेस्टिबल न्यूज़ : पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है। होलिका दहन के दिन होलिका जलाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि होलिका की अग्नि से बुराई भी नष्ट हो जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, होलिका हिरण्यकश्यप की बहन थी जिसने हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद को जलती हुई लकड़ियों के ढेर में बैठा दिया था। होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती, लेकिन भगवान विष्णु को निर्दोष प्रह्लाद की कृपा प्राप्त थी। हिरण्यकश्यप प्रह्लाद को मारना चाहता था लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गया और होलिका जलकर राख हो गई। ऐसे में हर साल होलिका दहन पर लकड़ियों के ढेर को जलाया जाता है और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर देखा जाता है। यहां जानिए इस साल होलिका दहन किस समय किया जाएगा क्योंकि होलिका दहन के दिन पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा।
होलिका दहन के मंत्र
अहकूटा भयत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:,
अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम।
वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च।
अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव।।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त | होलिका दहन शुभ मुहूर्त
होलिका दहन आमतौर पर प्रदोष काल में किया जाता है, लेकिन यदि भद्रा का साया हो तो होलिका दहन का समय बदल जाता है। मान्यता के अनुसार भद्रा को शुभ नहीं माना जाता है। जिस दिन भद्रा लग्न हो, उस दिन या उस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। विशेषकर भद्रा काल में पूजा-पाठ से परहेज किया जाता है। ऐसे में होलिका दहन पर भद्रा का साया पड़ने के कारण होलिका दहन प्रदोष काल में न करके देर रात किया जाएगा।
आज 13 मार्च, गुरुवार की रात 10:35 बजे से 11:29 बजे तक भद्रा का साया रहने वाला है। ऐसे में होलिका दहन रात 11:30 बजे के बाद किया जा सकेगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त सुबह 11:30 बजे से शुरू होगा और 12:15 बजे तक होलिका दहन किया जा सकेगा। ऐसे में होलिका दहन करीब 45 मिनट तक किया जा सकेगा।
होलिका दहन कैसे करें
होलिका दहन के लिए लकड़ियों का ढेर तैयार किया जाता है। इस ढेर में नारियल, मक्का, कच्चा, गुलाल, कंद, फूल, गेहूं की बालियां और बताशे आदि डाले जाते हैं। होलिका पर रोली बांधकर उसकी परिक्रमा की जाती है। इसके बाद होलिका दहन किया जाता है। होलिका की अग्नि में सुपारी, नारियल और पान के पत्ते डाले जाते हैं। जलती होलिका की परिक्रमा की जाती है तथा परिवार में सुख-शांति की कामना की जाती है।
होलिका दहन के अगले दिन रंगों से होली
होलिका दहन को छोटी होली भी कहा जाता है। अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है। इस दिन दोस्तों और परिवार के साथ होली खेलकर त्योहार मनाया जाता है। घर पर विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन अजनबी भी दोस्त बन जाते हैं। ऐसे में सुबह से शाम तक होली खेलकर त्योहार मनाया जाता है।
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