धर्म-अध्यात्म

देश के कई हिस्सों में पारंपरिक रीति रिवाज से मनाई गई होलिका दहन, रंगो के तेवहार ने जीता लोग का दिल

Tulsi Rao
17 March 2022 4:15 PM GMT
देश के कई हिस्सों में पारंपरिक रीति रिवाज से मनाई गई होलिका दहन, रंगो के तेवहार ने जीता लोग का दिल
x
दो साल बाद लोग इस बार खतरा कम होने पर होली मनाने को तैयार हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।

अमृतसर में हुआ होलिका दहन

पंजाब: अमृतसर में लोगों ने पारंपरिक तरीके से किया होलिका दहन.
दिल्ली में हुआ होलिका दहन
दिल्ली की गोल मार्केट इलाके में हुआ होलिका दहन.
जम्मू कश्मीर में सेना के जवानों ने मनाई होली
जम्मू और कश्मीर: जम्मू के गजानसू इलाके में बीएसएफ के जवानों ने नाच-गाने और रंगों के साथ होली मनाई.
जम्मू कश्मीर में सेना के जवानों ने मनाई होली
जम्मू और कश्मीर: जम्मू के गजानसू इलाके में बीएसएफ के जवानों ने नाच-गाने और रंगों के साथ होली मनाई.
होलिका दहन में करें शीघ्र विवाह के ये उपाय
विवाह में आ रही दिक्कतें और विवाह में हो रही देरी के लिए होलिका दहन में काले तिल, उड़द दाल, सूखा नारियल और सुपारी लेकर सात बार लड़के या लड़की के सिर से घुमाकर होलिका दहन में डाल दें. इससे विशेष लाभ मिलेगा.
होलिका दहन पर ये उपाय लाएंगे व्यापार में वृद्धि और आर्थिक संपन्नता
मान्यता है कि होलिका दहन के समय कुछ उपायों को करने से व्यक्ति को कई परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है. व्यापार में लाभ और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए होलिका दहन की रात घर के मुख्य द्वार पर गुलाल डालें और दो मुखी दीपक जलाएं. आर्थिक संपन्नता पाने के लिए होलिका दहन की भस्म को सात चुटकी ले कर एक लाल रंग के कपड़े में बांध लें. और इसे तिजोरी में रख दें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी.
होलिका दहन पर भद्रा का साया
इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया है जिसके कारण इस साल होलिका दहन मध्य रात्रि को किया जाएगा. पौराणिक मान्यता के अनुसार भद्रा को अशुभ बताया गया है. मान्यता है कि भद्रा के स्वामी यमराज होने के कारण इस योग में कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है. हालांकि भद्रा पुंछ में होलिका दहन किया जा सकता है, क्योंकि इस समय भद्रा का प्रभाव काफी कम होता है और व्यक्ति को दोष भी नहीं लगता.
भरभोलिए जलाने की भी परंपरा
होली के मौके पर भरभोलिए जलाने की भी पुरानी परंपरा चली आ रही है. भरभोलिए गाय के गोबर से बने उपले होते हैं और इनकी माला बनाई जाती है. इसमें सात भरभोलिए होते हैं. यह माला को भाइयों के सिर से अनिष्ट को उतारकर होलिका दहन के समय होलिका के साथ ही जला दी जाती है.
मथुरा-वृंदावन में कई खास आयोजन
होली के मौके पर मथुरा और वृंदावन में मटका समारोह का आयोजन किया जाता है. इसमें एक मटके को ऊंचाई पर बांध दिया जाता है. मटके में दूध और मक्खन होता है. इस मटके तक पहुंचकर उसे फोड़ना होता है. जो इसे कर लेता है उसे इनाम मिलता है.
प्राचीन काल में महिलाएं करती थीं चांद की पूजा
प्राचीन काल में होली के दिन महिलाएं परिवार की सुख समृद्धि के लिए पूर्णिमा के चांद की पूजा करती थीं. वैदिक काल में इस दिन नवात्रैष्टि यज्ञ किया जाता था इसे वसंतोत्सव के रूप में नए अन्न के साथ मनाते थे.
बैकग्राउंड
आज होलिका दहन है और कल होली है. कोरोना वायरस के चलते पिछले 2 साल से लोगों की होली का रंग फीका था. दो साल बाद लोग इस बार खतरा कम होने पर होली मनाने को तैयार हैं. हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है. इसके अगले दिन यानी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होली मनाई जाती है. इस दिन रंग खेला जाता है. आज शाम के समय शुभ मुहूर्त में देश में होलिका दहन किया गया. होलिका दहन के समय कुछ उपायों को करने से व्यक्ति की कई तरह की जीवन की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है. होलिका दहन से पहले नरसिंह भगवान की विधि-विधान से पूजा की जाती है. कोई भी पूजा आरती के बिना पूर्ण नहीं मानी जाती है. इसलिए होलिका दहन से पहले पूजा के बाद नरसिंह भगवान की ये आरती अवश्य करें. इससे भक्तों के सभी संकटों का समाधान होगा और हर कामना पूर्ण होगी.
ये है होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2022
आज दोपहर डेढ़ बजे से पूर्णिमा लग जाएगी. ऐसे में पूर्णिमा की पूजा भी इसी दिन की जाएगी. होलिका दहन का मुहूर्त देर शाम 9 बजकर 20 मिनट से रात 10 बजकर 31 मिनट तक का है. आपको होलिका दहन के लिए 1 घंटा 10 मिनट का समय मिलेगा.
ऐसे करें नरसिंह भगवान की पूजा
होलिका दहन से पहले नरसिंह भगवान की विधि-विधान से पूजा की जाती है. कोई भी पूजा आरती के बिना पूर्ण नहीं मानी जाती है. इसलिए होलिका दहन से पहले पूजा के बाद नरसिंह भगवान की ये आरती अवश्य करें. इससे भक्तों के सभी संकटों का समाधान होगा और हर कामना पूर्ण होगी.
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, जन का ताप हरे।।
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।।
तुम हो दीन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी।।
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।।
सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी, प्रभु दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो, दास जान अपनायो, जन पर कृपा करी।।
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।।
ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे, प्रभु माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर, पुष्पन बरसावे।।
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।।


Next Story