धर्म-अध्यात्म

इस दिन मनाई जाएगी साल 2021 में होली, जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

Triveni
12 Dec 2020 1:15 PM GMT
इस दिन मनाई जाएगी साल 2021 में होली, जानिए  होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
x
होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| होली (Holi) वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है. यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है. यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया जाने लगा है. रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है. पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं. दूसरे दिन, जिसे प्रमुखतः धुलेंडी व धुरड्डी, धुरखेल या धूलिवंदन इसके अन्य नाम हैं, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं. एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है. इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयां खिलाते हैं. साल 2020 खत्म होने वाला है और नया साल शुरू होने वाला है. साल 2020 में होली 9 मार्च को मनाई गई थी. ऐसे में आइए जानते हैं कि साल 2021 में होली (holi 2021) कब मनाई जाएगी. आइए देखते हैं शुभ मुहूर्त और तारीख-

2021 में होली कब है? (Holi 2021 Date)
29 मार्च, 2021 (सोमवार)
होलिका दहन रविवार, मार्च 28, 2021 को
होलिका दहन मुहूर्त – 18:37 से 20:56
अवधि – 02 घण्टे 20 मिनट्स
रंगवाली होली सोमवार, मार्च 29, 2021 को
भद्रा पूँछ -10:13 से 11:16
भद्रा मुख – 11:16 से 13:00
होलिका दहन प्रदोष के दौरान उदय व्यापिनी पूर्णिमा के साथ
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 28, 2021 को 03:27 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 29, 2021 को 00:17 बजे
होली से जुड़ी पौराणिक कथाएँ
होली को राधा-कृष्ण के पावन प्रेम की याद में भी मनाया जाता है. कथानक के अनुसार एक बार बाल-गोपाल ने माता यशोदा से पूछा कि वे स्वयं राधा की तरह गोरे क्यों नहीं हैं. यशोदा ने मज़ाक़ में उनसे कहा कि राधा के चेहरे पर रंग मलने से राधाजी का रंग भी कन्हैया की ही तरह हो जाएगा. इसके बाद कान्हा ने राधा और गोपियों के साथ रंगों से होली खेली और तब से यह पर्व रंगों के त्योहार के रूप में मनाया जा रहा है.


Next Story