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धर्म-अध्यात्म
होलाष्टक आज होगी शुरू, भक्त प्रह्लाद की कथा से जाने महत्त्व
Teja
10 March 2022 5:37 AM GMT
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: होलाष्टक आज यानि 10 मार्च से शुरू हो रहा है. इसके 8 दिन बाद तक अब कोई शुभ या मगंल कार्य नहीं होगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 10 मार्च दिन गुरुवार यानि आज से होलाष्टक शुरू हो गए हैं. आज के बाद 8 दिन तक कोई भी शुभ या मंगल काम नहीं किया जाएगा. इसके पीछे कारण है भक्त प्रहलाद पर की गई यातनाएं, जिसके कारण इन आठों दिन सारे ग्रह उग्र हो जाते हैं. ऐसे में कोई भी मंगल कार्य नहीं करना चाहिए. नहीं तो उसका पूरा परिणाम प्राप्त नहीं होता है. इन 8 दिनों को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बेहद अशुभ और अपशकुन मानते हैं. हालांकि लोगों को इसके पीछे भक्त पहलाद की कथा के बारे में पता है. लेकिन क्या आप कामदेव की कथा के बारे में जानते हैं. अगर नहीं तो आज का हमारा यह लेख होलाष्टक की कामदेव कथा पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि होलाष्टक रामदेव कथा कौन सी है.
कामदेव की प्रचलित कथा
भगवान शिव की तपस्या को भंग करने के लिए कामदेव ने देवताओं के कहने पर अपना पुष्पकबाण चला दिया था. जब भगवान शिव तपस्या कर रहे थे तब तारकासुर के अत्याचारों से देव लोक में हाहाकार मच गया था. लेकिन कामदेव के पुष्पकबाण के चलने से कामदेव को भगवान शिव के क्रोध का सामना करना पड़ा. जब भगवान शिव का तीसरा नेत्र खुला तो कामदेव भस्म हो गए, जिस दिन कामदेव भस्म हुए उस दिन मार्च माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि थी. ऐसे में कामदेव की पत्नी देवी रति ने भगवान शिव से निवेदन किया और द्वापर युग में भगवान कृष्ण के पुत्र के रूप में दोबारा प्राप्त करने का वर मांगा. यही कारण है कि फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को अशुभ माना जाने लगा.
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.
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