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- चैत्र प्रतिपदा से शुरू...
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो रही है। इतना ही नहीं नया संवत्सर 2079 भी इसी दिन लग रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार 2 अप्रैल, शनिवार का दिन कई मायनों में खास होने वाला है। क्योंकि इस दिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत के साथ चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा का भी पर्व मनाया जा रहा है। इतना ही नहीं ज्योतिषों के अनुसार विक्रम संवत 2079 में कई ग्रहों का राशि परिवर्तन भी हो रहा है जिसका असर हर व्यक्ति के जीवन में अच्छा या फिर बुरा प्रभाव डालेगा। जानिए हिंदू नववर्ष के बारे में हर एक चीज।
चैत्र नवरात्रि पर विक्रम संवत 2079 की शुरुआत
हिंदू पंचांग के अनुसार, विक्रम संवत 2079 का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के साथ होता है। इस बार चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 2 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 58 मिनट में समाप्त होगी। लेकिन हमेशा नववर्ष की शुरुआत सूर्योदय के साथ मानी जाती है। इस कारण विक्रम संवत 2079 या हिंदू नववर्ष 2079 का पहला दिन 2 अप्रैल ही माना जाएगा। इसके साथ ही इस दिन हिंदू धर्म का पवित्र दिन नवरात्रि की भी शुरुआत हो रही है।
विक्रम संवत 2079 का कौन है राजा और कौन है मंत्री?
ज्योतिषों के अनुसार, हिंदू नववर्ष में राजा शनि होंगे और महामंत्री गुरु बृहस्पति होंगे। शनि के राजा होने से इस वर्ष जातकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वह महंगाई, अर्थव्यवस्था, राजनीति में परिवर्तन आदि शामिल है। इसके साथ ही शनि की ढैय्या से मिथुन और तुला राशि को मुक्ति मिलेगी, जिससे जातकों को हर कष्ट से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही धनु राशि के जातकों को शनि के साढ़े साती से निजात मिलेगी, जिससे भाग्योदय होगा। आर्थिक स्थिति सही होने के साथ हर तरह के रोगों से भी मुक्ति मिलेगी।
हिंदू नववर्ष पर बन रहा दुर्लभ संयोग
ज्योतिष गणना के अनुसार, इस बार हिंदू नववर्ष में दुर्लभ संयोग बन रहा है जो करीब 1500 साल बाद होगा। क्योंकि 18 महीने बाद राहु-केतु राशि परिवर्तन कर रहे हैं। इसके साथ ही मंगल ग्रह अपनी उच्च राशि मकर राशि में रहेगा, जिससे हर राशियों के जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा हिंदू नववर्ष में रेवती नक्षत्र भी बन रहा है।
नववर्ष की शुरुआत में ही नौ ग्रहों का गोचर
2 अप्रैल से शुरू हो रहे हिंदू नववर्ष में एक साथ नौ ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं। इन ग्रहों में मंगल, शनि, राहु, केतु, गुरु, सूर्य, शुक्र, चंद्रमा और बुध ग्रह आदि अन्य राशियों में प्रवेश कर रहे हैं।