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धर्म-अध्यात्म
यहां शिव के बाल स्वरूप में हैं बटुक भैरव, मांस और मदिरा का लगाया जाता है भोग
Tulsi Rao
28 Dec 2021 4:06 PM GMT
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बल्कि रोजाना होता है. भगवान शिव का ऐसा अद्भुत मंदिर कहां है और यहां नॉनवेज का भोग लगाने के पीछे की वजह क्या है इसे जानते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर आस्तिक इंसान को जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान को नॉनवेज का भोग लगता है. लेकिन इस बात में सच्चाई है. दरअसल महादेव का एक ऐसा दरबार है जहां चिकन, मटन और मछली को प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाता है. मंदिर में ऐसा किसी खास अवसर पर नहीं, बल्कि रोजाना होता है. भगवान शिव का ऐसा अद्भुत मंदिर कहां है और यहां नॉनवेज का भोग लगाने के पीछे की वजह क्या है इसे जानते हैं.
लगाया जाता है नॉनवेज का भोग
दरअसल देश की धार्मिक राजधानी काशी के एक मंदिर में नॉनवेज का भोग लगाया जाता है. काशी के बटुक भैरव मंदिर में शिव स्वरुप बटुक को भक्त नॉनवेज और शराब चढ़ाते हैं. इसके अलावा बटुक भैरव को बिस्किट्स और टॉफियां भी भोग लगाई जाती हैं. मान्यता है कि बटुक भैरव को इन ची़जों का भोग लगाने से मनोकामना पूरी होती है.
होती है तीनों रूपों की पूजा
इस मंदिर में शिव सात्विक, राजसी और तामसिक तीनों रुपों विराजमान हैं. यहां शरद ऋतु के दौरान बाबा के तीनों रूपों का विशेष श्रृंगार किया जाता है. सुबह के समय शिव स्वरुप बाल बटुक को टॉफी, बिस्किट और फल के अलावा मांस और मदिरा का भोग लगाया जाता है. दोपहर के वक्त राजसिक रूप में शिव को रोटी, दाल, चावल और सब्जी आदि का भोग लगाया जाता है. इलके बाद शाम के समय आरती के बाद भैरव स्वरुप शिव को मछली, मटन, चिकन के साथ-साथ मदिरा भी भोग लगाया जाता है. इतना ही नहीं बाबा को प्रसन्न करने के लिए शराब से भरा खप्पड़ भी चढ़ाया जाता है.
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