धर्म-अध्यात्म

हर बुरी घटना टालने या मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए हवन किया जाता है, जानिए इसका धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व

Nilmani Pal
31 May 2021 10:25 AM GMT
हर बुरी घटना टालने या मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए हवन किया जाता है, जानिए इसका धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व
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हवन करने से वातावरण में घुले प्रदूषणों से भी मुक्ति मिलती है. इससे घर परिवार में सकारात्मक ऊर्जा आती है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में मान्यता है कि बिना हवन के कोई शुभ कार्य या पूजा पाठ संपन्न नहीं होते हैं. इससे वातावरण की शुद्धि भी होती है. कई अध्ययनों में कहा गया है कि हवन करने से वातावरण में घुले प्रदूषणों से भी मुक्ति मिलती है. इससे घर परिवार में सकारात्मक ऊर्जा आती है. धार्मिक मान्यता है कि बुरी घटना टालने या मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए हवन किया जाता है. इस तरह से हवन का न धार्मिक महत्त्व है बल्कि इसका वैज्ञानिक महत्त्व भी बताया गया है. आइये जानें हवन के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व के बारे में,


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हवन का वैज्ञानिक महत्त्व
हवन सामग्री में आम की लकड़ी, बेल, नीम, कलींगज, पीपल की छाल, पलाश का पौधा, देवदार की जड़, बेर, कपूर, शकर जौ, चावल, चंदन की लकड़ी रहता है. इस सामग्री के द्वारा हवन करने से जो धुआं निकलता है उससे वातावरण शुद्ध होता है. हवन की जाने वाली सभी हवन सामग्री सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है. वैज्ञानिकों के अनुसार, हवन में गोबर के बने उपलों का उपयोग किया जाता है. इनसे करीब 94 प्रतिशत जीवाणु नष्ट होते हैं. माना जाता है कि हवन करने से कई प्रकार की हानिकारक बीमारियों से मुक्ति मिलती है.

धार्मिक महत्त्व
हिंदू धर्म में हवन का विशेष महत्त्व है. इसके महत्त्व का अनुमान इसी लगाया जाता है कि हवन के बिना कोई कार्य पूरा ही नहीं होता. धार्मिक मान्यता है कि यदि व्यक्ति किस ग्रह दोष से पीड़ित है तो उसे हवन करना चाहिए. इससे ग्रहों की दशा शांति होती है. हवन खत्म होने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए तथा वस्त्र और मुद्रा का भी दान देना चाहिए.

वास्तु दोष दूर करने के लिए भी हवन किए जानें का प्रावधान है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का उत्पन्न होती है. भवन निर्माण के लिए भूमि पूजन से लेकर गृह प्रवेश तक के कार्यक्रमों में हवन की जाती है. ताकि घर आंतरिक और बाहरी वातावरण शुद्ध और पवित्र बना रहे.


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