धर्म-अध्यात्म

हरियाली तीज पूजा विधि, जानें महत्व

Tulsi Rao
30 July 2022 10:05 AM GMT
हरियाली तीज पूजा विधि, जानें महत्व
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Hariyali Teej Puja Samgri 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है. इस बार हरियाली तीज का पर्व 31 जुलाई को मनाया जाएगा. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव का पुनः मिलन हुआ था. इसलिए इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है. सुहागिन महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. वहीं, कुंवारी महिलाएं मनवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं.

ज्योतिष के अनुसार इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. वहीं, कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व बताया गया है. इसलिए महिलाएं सज-संवर कर हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती हैं. इसलिए ही इसे हरियाली तीज कहा जाता है. कल हरियाली तीज का व्रत अगर आप भी रख रहीं हैं, तो पहले से ही पूजा की सामग्री तैयार कर लें.
हरियाली तीज की पूजा सामग्री
हरियाली तीज के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद एक चौकी पर मां पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें. ध्यान रखें कि चौकी पर पहले एक साफ कपड़ा बिछा लें. इसके बाद पूजा में पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केले के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत दही, मिश्री, शहद आदि को शामिल किया जाता है.
हरियाली तीज पूजा विधि
हरियाली तीज के दिन सुबह ब्रह्मा मुहूर्त में उठे. स्नान के बाद हरे रंग के कपड़े पहनें. मंदिर में रखी चौकी को गंगाजल से साफ कर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. मिट्टी से भगवान शिव, मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं. संभव न हो तो फोटो का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. इसके बाद चौकी पर मां पार्वती और भगवान शिव की स्थापना करें. एक तेल तिल या सरसों या फिर घी का दीपक जलाएं. इस दीपक को देवताओं के दाहिनी ओर रखें.
पूजा की शुरुआत में भगवान गणेश का आह्वान करें और उनका आशीर्वाद लें. इसके बाद मूर्ति के समाने अक्षत रखें और मोली से कलश के चारों और बांधें. फिर कलश में सुपारी, हल्दी और कुमकुम, पानी डालें.
इसके बाद आम के या फिर पान के पत्ते कलश में डाल दें. इसके बाद पंचपात्र से थोड़ा जल हाथ में लेकर मां पार्वती और भगवान शिव के चरणों में अर्पित करें और पूजा शुरू कर दें.
भगवान शिव को धतूरा, सफेद मुकूट और चंदन, फूल और बेलपत्र अर्पित करें और मां पार्वती को ऋंगार का सामान अर्पित करें. नैवेद्य या भोग अर्पित करने के बाद तीज की व्रत कथा पढ़ें या सुनें. आखिर में आरती के साथ पूजा का समापन करें.


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