- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- हरियाली एकादशी शुभ...
धर्म-अध्यात्म
हरियाली एकादशी शुभ मुहूर्त 2022! जानें पूजा विधि और महत्व
Tulsi Rao
15 July 2022 11:37 AM GMT
x
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Hariyali Amavasya Pujan Vidhi: हर माह कृष्ण पक्ष के आखिरी दिन अमावस्या तिथि मनाई जाती है. हिंदू धर्म में हर अमावस्या का अपना अलग महत्व है. सावन माह में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जानते हैं. इस बार हरियाली अमावस्या 28 जुलाई, गुरुवार की पड़ रही है. अमावस्या का दिन स्नान-दान, पूजा-पाठ, व्रत, पितर तर्पण आदि के लिए होता है. हरियाली तीज पर वृक्षारोपण किया जाता है और भगवान शिव की पूजा की परंपरा है. आइए जानें इस दिन का महत्व और पूजन विधि के बारे में.
हरियाली एकादशी शुभ मुहूर्त 2022
सावन माह में आने वाले सभी त्योहारों का विशेष महत्व है. इस माह की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है. सावन अमावस्या की तिथि 27 जुलाई, बुधवार रात 9 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई, गुरुवार रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि को देखते हुए 28 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी.
हरियाली अमावस्या का महत्व
ग्रंथों के अनुसार इस दिन धार्मिक पौधे लगाना बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन पीपल, बरगद, केला,नींबू, तुलसी और आंवला जैसे पेड़-पौधे लगाए जाते हैं. जिन पौदों में देवी-देवताओं का वास होता है, ये पौधे लगाकर देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन वृक्षारोपण से पितर प्रसन्न होकर वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है. इसलिए इस दिन पितरों का तर्पण औप पिंडदान का भी विशेष महत्व है.
हरियाली अमावस्या पूजन विधि
सावन का महीना भगवान शिव को ही समर्पित है इसलिए हरियाली अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान किया जाता है. अगर संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें. स्नान के बाद साफ कपड़े पहन लें और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. माता पार्वती का ऋंगार करें, शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करने के साथ बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद फूल और फल अर्पित करें. इसके बाद ओम उमामहेश्वाय नमः का जाप करें. इस दिन किसी जरूरतमंद या गरीब को दान अवश्य दें.
Next Story