- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- Hariyali Amavasya 2021...
धर्म-अध्यात्म
Hariyali Amavasya 2021 : हरियाली अमावस्या पर तर्पण और 3 दान से करें पितरों को खुश
Deepa Sahu
30 July 2021 3:25 PM GMT
x
सावन में हरियाली तीज पति और संतान के विशेष फल के लिए की जाती है
Hariyali Amavasya 2021 : सावन में हरियाली तीज पति और संतान के विशेष फल के लिए की जाती है तो इसी महीने की अमावस्या अपने पितरों को खुश करने के लिए मनाई जाती है. यह सावन के साथ श्रावणी अमावस्या भी कही जाती है. श्रावण मास की शिवरात्रि के अगले दिन 15वीं तिथि श्रावण अमावस्या कही जाती है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का बड़ा महत्व है. अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाने का विधान है. इस बार आठ अगस्त रविवार को पड़ रही श्रावणी अमावस्या पर व्रत पूजन से पितरों को खुश किया जा सकता है. इसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है, क्योंकि सावन में हर तरफ बारिश के चलते पृथ्वी पर हरियाली रहती है.
हरियाली अमावस्या का महत्व
श्रावण अमावस्या पर स्नान और दान के अलावा कई अहम काम किए जाते हैं. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, पूजा पाठ, ब्रह्मणों को भोजन कराना चाहिए. इस दिन वृक्ष पूजा होती है, जिसमें विशेष रूप से पीपल-तुलसी की पूजा होती है. पीपल पेड़ में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है. हर हरियाली अमावस्या पर एक पेड़ लगाना भी शुभ माना जाता है. सावन महीने में बारिश की वजह से प्रकृति पवित्र रूप में मौजूद होती है. मान्यता के अनुसार, पितरों की शांति के लिए हरियाली अमावस्या तिथि पिंडदान, तर्पण जैसे धार्मिक कार्यों के लिए सर्वोत्तम है, जबकि स्नान दान के लिए उदया तिथि मान्य होती है.
हरियाली अमावस्या की तिथि और मुहूर्त
श्रावणी अमावस्या तिथि : 08 अगस्त 2021
अमावस्या तिथि प्रारंभ : 07 अगस्त 2021, शनिवार शाम 07:13 से
अमावस्या तिथि समापन : 08 अगस्त 2021, रविवार शाम 07:21 तक
किसानों के लिए विशेष महत्व वाली है अमावस्या
किसानों के लिए हरियाली अमावस्या विशेष होती है. किसान इस दिन एक-दूसरे को गुड़ और धानी की प्रसाद देकर अच्छे मानसून की शुभकामना देते हैं, साथ ही वे कृषि यंत्रों का पूजन भी करते हैं.
Next Story