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धर्म-अध्यात्म
हनुमानजी को सुवर्चला से करनी पड़ी थी शादी, तेलंगाना में मौजूद है हनुमानजी का मंदिर
Tulsi Rao
15 Feb 2022 9:12 AM GMT
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आइए जानते हैं कि आखिर हनुमानजी को शादी क्यों करनी पड़ी और इसके पीछे क्या कारण था.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कलयुग में हनुमानजी उपासना बेहद लाभकारी बताया गया है. कहते हैं कि इनकी उपासना से जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं. धार्मिक कथाओं में हनुमानजी के जीवन से जुड़े कई रहस्यों का वर्णन मिलता है. हनुमानजी की शादी भी किसी रहस्य के कम नहीं है. बजरंगबली की शादी करने के पीछे एक कथा है. आइए जानते हैं कि आखिर हनुमानजी को शादी क्यों करनी पड़ी और इसके पीछे क्या कारण था.
4 विद्याओं की प्राप्ति के लिए हनुमानजी को करनी पड़ी थी शादी
हनुमानजी के गुरु सूर्य देव माना गए हैं. सूर्य देव के पास 9 प्रकार की विद्या थी. इन सभी विद्यायों की प्राप्ति के लिए हनुमानजी ने सूर्य देव को अपना गुरु स्वीकार किया. सूर्य देव ने 9 विद्याओं में से 5 हनुमानजी को सिखा दिया, लेकिन 4 विद्याएं सूर्य देव हनुमानजी को नहीं दे पा रहे थे. ऐसा इसलिए क्योंकि ये 4 विद्याएं उन्हीं को प्राप्त हो सकती थी जो विवाहित हो. लेकिन हनुमानजी को तो सारी विद्याएं सीखनी थीं. ऐसे में इसके लिए सूर्य देव ने एक युक्ति निकाली. जिसके बाद उनके तेज से एक कन्या का जन्म हुआ. सूर्य देव ने उस कन्या से हनुमानजी का विवाह संपन्न कराया. जिसके बाद भगवान सूर्य ने हनुमानजी को बाकी विद्या का दिव्य ज्ञान दिया. हालांकि सूर्य देव ने शादी के वक्त ये साफ कर दिया था कि शादी के बाद उनका ब्रह्मचर्य भंग नहीं होगा. साथ ही सूर्य देव ने हनुमानजी को यह भी बताया था कि विवाह के बाद सुवर्चला तपस्सा में लीन हो जाएगी. हिंदू मान्यता के अनुसार सुवर्चला का जन्म गर्भ से नहीं हुआ था. ऐसे में उनसे शादी करने के बाद भी हनुमानजी को ब्रह्मचर्य में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हुई. यही कारण है कि हनुमानजी हमेशा ब्रह्मचारी कहलाए.
तेलंगाना में मौजूद है ये मंदिर
तेलंगाना में हनुमानजी का एक ऐसा मंदिर है जहां उनकी पूजा उनकी पत्नी सुवर्चला के साथ की जाती है. तेलंगाना के खम्मम जिले में मौजूद यह हनुमान मंदिर आकर्षण और कौतुहल का केंद्र है.
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