धर्म-अध्यात्म

Hanuman Temple: 1008 वर्षों से प्रेतराज सरकार मिटा रहे है भक्तों के संकट

Tara Tandi
1 Sep 2024 9:22 AM GMT
Hanuman Temple: 1008 वर्षों से प्रेतराज सरकार मिटा रहे है भक्तों के संकट
x
Hanuman Temple राजस्थान न्यूज: भारत विश्वभर में अपनी धर्म निरपेक्षता और विविधता में एकता के लिए जाना जाता है। जहां एक ओर भारत को इसके मशहूर किलों, हवेलियों, शानदार महलों और लक्जरी होटलों के लिए जाना जाता है, वहीँ दूसरी ओर भारत दुनियाभर में अपने मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारों के लिए भी उतना ही मशहूर है।
विश्व पर्यटन के नक्शे पर अमिट छाप रखने वाला राजस्थान अपनी शाही और राजसी भव्यता, किलों, महलों, पर्यटक स्थलों के अलावा भव्य मंदिरों के लिए भी दुनियाभर में मशहूर है, आज के इस वीडियो में हम आपको एक ऐसे ही प्रसिद्ध मंदिर मेहंदीपुर बालाजी के वीडियो टूर पर लेकर चलेंगें, यूँ तो हनुमानजी के कुछ सबसे मशहूर मंदिरों के बारे में हम आपको हमारे लाइव दर्शनों वाले वीडियो में बता चुके हैं, अगर आपने अब तक इन वीडियोज़ को नहीं देखा है तो आपको इनका लिंक वीडियो के डिस्क्रिप्शन में मिल जायेगा।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के दौसा जिले में स्थित एक हिंदू मंदिर है, जो बजरंगबली हनुमान जी को समर्पित है। यह मंदिर भारत में इतना लोकप्रिय है कि यहां हर साल दूर-दूर से करोड़ों तीर्थ यात्री अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं। हनुमान जी को ही बालाजी के रूप में भी जाना जाता है और हनुमान मंदिर के सामने सियाराम को समर्पित एक मंदिर भी स्थित है जिसमें सियाराम की एक सुंदर मूर्ति है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि भगवान अपने भक्तों को बुरी आत्माओं और परेशानियों से मुक्ति दिलाते हैं। मंदिर में आने वाले भक्त बालाजी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाते हैं और भैरव बाबा को उड़द की दाल व चावल चढ़ाते हैं जो बुरी आत्माओं से मुक्ति पाने में उनकी मदद करते हैं। मंदिर में शनिवार और मंगलवार को भीड़ काफी ज्यादा होती है क्योंकि यह बालाजी के सबसे खास दिन होते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में तीन भगवानों की पूजा की जाती है। लेकिन इस मंदिर में मुख्य रूप से हनुमान जी की पूजा होती है और इसके अलावा यहां प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा को भी पूजा जाता है। मंदिर के इन तीनों देवताओं को भूतों, प्रेतों और आत्माओं से संबंधित माना जाता है। मंदिर में बालाजी की जिस मूर्ति की पूजा की जाती है उसके बारे में यह कहा जाता है कि यह मूर्ति अपने आप प्रकट हुई थी। बताया जाता है कि इस जगह पर हनुमान जी की लीला बालकाल से ही शुरू हो गई थी इसलिए इस मंदिर को बालाजी के नाम से जाना जाता है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में एक दिव्य शक्ति है जो बुरी आत्माओं के चंगुल में फंसे लोगों को ठीक करने की ताकत रखती है। अगर आप लौकिक शक्तियों या भूतों पर विश्वास नहीं करते तो इस मंदिर में आने के बाद आप इन सभी चीजों पर विश्वास करने लगेंगे।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जिसका अपना एक समृद्ध और रोचक इतिहास रहा है। इस मंदिर का इतिहास लगभग 1000 साल पुराना है। मान्यताओं के अनुसार अरावली की पहाड़ियों के बीच बसे इस मंदिर में स्थित भगवान हनुमान जी की मूर्ति स्वयंभू है, मतलब इसे किसी के द्वारा बनाया नहीं गया बल्कि ये अपने आप प्रकट हुई है। आज यह मंदिर जिस जगह स्थित है वहां पहले एक घना जंगल था और यहीं मंदिर के वर्तमान महंत जी के पूर्वजों को बालाजी की मूर्ति की अनुभूति हुई थी। जिसके बाद उन्होंने यही रुक कर इसकी पूजा करने का निश्चय किया। दंतकथा के अनुसार एक दिन हनुमान जी बालाजी और प्रेतराज सरकार तीनों महंत जी के सपने में आए और उन्होंने उनसे से अपनी सेवा-पूजा करने को कहा। इस घटना के बाद उन्होंने यहां भगवान हनुमान की पूजा करनी शुरू कर दी और भव्य मंदिर का निर्माण भी कराया।
मेहंदीपुर बालाजी के बारे में माना जाता है कि यह मंदिर चमत्कारी शक्तियों से भरा हुआ है और जो भी भक्त सच्चे मन से यहां आता है उसे बुरी शक्तियों और आत्माओं से मुक्ति मिलती है। इस मंदिर के असीम चमत्कारों के चलते हर दिन लाखों भक्त इस मंदिर पर अपनी अर्जी लगाने आते हैं। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में जाना और यहां पर भूत-प्रेत से पीड़ित लोगों को देखकर भले ही आपको किसी हॉरर फिल्म की याद आ सकती है लेकिन यहां की यात्रा करने वाले कई भक्तों ने यहां आने के बाद अपने आसपास के माहौल में बदलाव का अनुभव किया है। यह मंदिर राजस्थान में स्थित है जहां पर काफी गर्म वातावरण होता है लेकिन यहां आने के बाद कुछ पलों के लिए आप ठंड का अनुभव करेंगे। यहां आने के बाद भक्तों को काफी भीड़ का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि यहां काफी संख्या में भक्त आते हैं। भले ही आप किसी भी दिन बालाजी के इस मंदिर के दर्शन के लिए आयें लेकिन आपको यहां हमेशा ही श्रद्धालुओं की भयंकर भीड़ मिलेगी।
जहां एक तरफ किसी भी मंदिर में हमे घंटियों ओर मंत्रों की आवाजें सुनाई देती है, वहीँ मेहंदीपुर बालाजी मंदिर परिसर में कदम रखते ही आपको महिलाओं और पुरुषों के तेज चीखने की आवाजें सुनाई देने लगेंगी। यहां पीड़ित लोगों के चीखने की आवाजें आपको डरा सकती हैं। जहां एक तरफ भारत के अन्य मंदिरों को प्रसाद चढाने के लिए जाना जाता है, वहीँ दूसरी ओर महेंदीपुर बालाजी मंदिर एक ऐसी जगह है जहां पर कोई प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता। हालाँकि मंदिर परिसर में कई दुकानदार प्रसाद बेचने की कोशिश करते हैं, मान्यता के अनुसार इनसे प्रसाद तो नहीं, लेकिन काले रंग की गेंद लेना जरुरी होता है क्योंकि इसे हनुमान जी को अर्पण करने से सभी दुख ओर परेशानियां दूर हो जाती है। माना जाता है कि इस काले रंग की गेंद को अपने शरीर के चारों और घुमा कर आग में फेकने से संकटमोचन हनुमान जी सभी परेशानियों को हर लेते हैं।
इस बात में कोई शक नहीं कि यह मंदिर कमजोर दिल वालों को डरा सकता है। जैसे ही आप इस मंदिर के परिसर में प्रवेश करेंगे तो आप अपने आसपास के माहौल में बदलाव महसूस कर सकते हैं। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की वास्तुकला इसकी कहानी और विलक्षणता को दर्शाती है। मंदिर में आने के बाद आपको निश्चित रूप से अपने आसपास नकारात्मकता महसूस होगी। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में कुल चार कक्ष हैं जिसमें से पहले दो कक्ष में हनुमान जी और भैरव जी की मूर्तियां हैं, लेकिन अंतिम दोनों हॉल में जाने के बाद आपको एक भयानक अनुभव मिल सकता है। यहां पर कई पुरुष और महिलाओं को अपना सिर पीटते और हिलाते हुए देखा जा सकता है। यहां इनमे से कई को लोहे की चैन और जंजीरों से बंधा हुआ और जोर-जोर से चिल्लाते हुए भी देखा जाता है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से वापस जाते समय कोई भी प्रसाद, पानी या खाद्य पदार्थ आदि अपने साथ वापस ले जाना अशुभ माना जाता है। इसके साथ ही मंदिर में किसी भी अनजान से बात करने और छूने से बचने की सलाह भी दी जाती है क्योंकि किसी पीड़ित व्यक्ति को छूने से आप भी प्रभावित हो सकते हैं। इसके साथ ही जब आप मंदिर से जाते हैं तो कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखें क्योंकि इस तरह पीछे देखना किसी बुरी आत्मा को निमंत्रण देने जैसा हो सकता है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जयपुर के पास दौसा जिले में स्थित है, यह मंदिर मेहंदीपुर गांव में स्थित है जो जयपुर शहर से करीब 99 किमी दूर है। मंदिर के लिए आप सड़क, हवाई और रेल मार्ग द्वारा यात्रा कर सकते हैं, मंदिर से सबसे निकटतम हवाई अड्डा 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जयपुर हवाई अड्डा है। मेहँदीपुर बालाजी मंदिर से सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दौसा रेलवे स्टेशन है। इसके साथ ही यहां पहुंचने के लिए सबसे निकटतम बस अड्डा 49 किलोमीटर की दूरी पर दौसा बस स्टैंड है।
तो दोस्तों ये था राजस्थान का विश्व प्रसिद्ध मेहँदीपुर बालाजी मंदिर, आर्टिक्ल और वीडियो देखने के लिए धन्यवाद, अगर आपको यह आर्टिक्ल और वीडियो पसंद आया तो प्लीज कमेंट कर अपनी राय दें, चैनल को लाइक और सब्सक्राइब करें, अपने फ्रेंड्स और फेमिली के साथ इसे जरूर शेयर करें।
Next Story