धर्म-अध्यात्म

हनुमान जी इस चमत्‍कारिक मंदिर में सिर के बल उल्‍टे खड़े हैं, जानिए वजह

Bhumika Sahu
14 Sep 2021 3:40 AM GMT
हनुमान जी इस चमत्‍कारिक मंदिर में सिर के बल उल्‍टे खड़े हैं, जानिए वजह
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हनुमान का एक चमत्‍कारिक मंदिर ऐसा भी है जिसमें वे उल्‍टे खड़े हैं. सिर के बल उल्‍टे खड़े हनुमान जी की इस प्रतिमा के पीछे एक रोचक वजह है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रामभक्‍त हनुमान (Hanuman) के चमत्‍कारों की कहानियां अनगिनत हैं. इनमें से कई चमत्‍कार तो आज भी मौजूद हैं और उनके पीछे के रहस्‍य आज भी अनसुलझे हैं. देश के कुछ हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) तो बेहद खास और चमत्‍कारिक हैं. ऐसा ही एक मंदिर मध्‍य प्रदेश में है, जहां पवनपुत्र हनुमान की उल्‍टी मूर्ति (Ulti Statue) स्‍थापित है. यहां सिर के बल उल्‍टे खड़े हनुमान की ही पूजा होती है. दूर-दूर से लोग इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उनकी कृपा पाने के लिए आते हैं.

चमत्‍कारिक है उल्‍टे हनुमान की प्रतिमा
मध्यप्रदेश के इंदौर (Indore, MP) से करीब 30 किलोमीटर दूर सांवेर गांव (Sanwer Village) में उल्‍टे हनुमान का यह मंदिर है. मान्‍यता है कि इस मंदिर में 3 या 5 मंगलवार तक लगातार दर्शन करने से सारे दुख दूर हो जाते हैं. साथ ही हनुमान जी भक्‍त की मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं. इस उल्‍टे हनुमान की चमत्‍कारिक प्रतिमा पर चोला चढ़ाने से भी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
क्‍यों उल्‍टी है हनुमान जी की प्रतिमा
इस मंदिर में हनुमान जी की उल्टी प्रतिमा को लेकर मान्‍यता है कि राम और रावण के युद्ध के दौरान रावण अपना रुप बदलकर अहिरावण बनकर भगवान राम (Lord Ram) की सेना में शामिल हो गया था. रात में रावण सोते हुए राम-लक्ष्‍मण को मूर्छित करके पाताल लोक (Patal Lok) ले गया. इसकी सूचना मिलते ही पूरी वानर सेना बदहवास हो गई. तब भगवान राम और उनके भाई लक्ष्‍मण को पाताल लोक से वापस लाने के लिए हनुमान जी पाताल लोक में गए थे.
वहां उन्‍होंने अहिरावण का वध किया और राम-लक्ष्‍मण को वापस लाए. कहते हैं कि सांवेर में जहां यह मंदिर है, वहीं से हनुमान जी पाताल लोक में गए थे और पाताल लोक में प्रवेश करते समय उनका सिर नीचे की ओर था. इसलिए इस मंदिर में हनुमान जी मूर्ति उसी उल्‍टी अवस्‍था में स्‍थापित की गई है.


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