- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- Hal Shashti 2021: कब...
धर्म-अध्यात्म
Hal Shashti 2021: कब है हलषष्ठी व्रत? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त व महत्व
Deepa Sahu
3 July 2021 3:22 PM GMT
x
हिंदी पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को बलराम जयंती मनाई जाती है.
Hal Shashthi 2021 date: हिंदी पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को बलराम जयंती मनाई जाती है. देश के विभिन्न भागों में इस हल षष्ठी या बलराम जयंती को अलग-अलग नामों से मनाते हैं. इसे हल छठ पीन्नी छठ या खमर छठ भी कहते हैं. साल 2021 में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 28 अगस्त दिन शनिवार को पड़ रही है. आइये जानें बलराम जयंती या हलषष्ठी व्रत पूजा के लिए शुभ समय, पूजा विधि और महत्व:-
हलषष्ठी व्रत के लिए शुभ मुहूर्त
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 27 अगस्त 2021 दिन शुक्रवार को शाम 6.50 बजे लगेगी. यह तिथि अगले दिन यानी 28 अगस्त को रात्रि 8.55 बजे तक रहेगी.
हलषष्ठी व्रत पूजन विधि
माताएं हलषष्ठी का व्रत संतान की लंबी आयु की प्राप्ति के रखती हैं. इस दिन व्रत के दौरान वह कोई अनाज नहीं खाती हैं. तथा महुआ की दातुन करती हैं. हलषष्ठी व्रत में हल से जुती हुई अनाज और सब्जियों का इस्तेमाल नहीं किया जाता. इस व्रत में वही चीजें खाई जाती हैं जो तालाब में पैदा होती हैं. जैसे तिन्नी का चावल, केर्मुआ का साग, पसही के चावल खाकर आदि. इस व्रत में गाय के किसी भी उत्पाद जैसे दूध, दही, गोबर आदि का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. हलषष्ठी व्रत में भैंस का दूध, दही और घी का प्रयोग किया जाता है.
इस व्रत के दिन घर या बाहर कहीं भी दीवाल पर भैंस के गोबर से छठ माता का चित्र बनाते हैं. उसके बाद गणेश और माता गौरा की पूजा करते हैं. महिलाएं घर में ही तालाब बनाकर, उसमें झरबेरी, पलाश और कांसी के पेड़ लगाती हैं और वहां पर बैठकर पूजा अर्चना करती हैं और हल षष्ठी की कथा सुनती हैं. उसके बाद प्रणाम करके पूजा समाप्त करती हैं.
हल षष्ठी व्रत का महत्व
हल षष्ठी व्रत महिलायें अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए रखती हैं. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान हलधर उनके पुत्रों को लंबी आयु प्रदान करते हैं.
Next Story