धर्म-अध्यात्म

काल सर्प दोष से ज्‍यादा खतरनाक है 'गुरु चांडाल योग', ऐसे बचे

Subhi
7 Oct 2022 4:10 AM GMT
काल सर्प दोष से ज्‍यादा खतरनाक है गुरु चांडाल योग, ऐसे बचे
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ज्‍योतिष शास्‍त्र में जन्‍मकुंडली में बनने वाले शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है. ये योग जीवन पर अच्‍छा और बुरा असर डालते हैं. यदि कुंडली में शुभ योग बने तो व्‍यक्ति की किस्‍मत चमक जाती है

ज्‍योतिष शास्‍त्र में जन्‍मकुंडली में बनने वाले शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है. ये योग जीवन पर अच्‍छा और बुरा असर डालते हैं. यदि कुंडली में शुभ योग बने तो व्‍यक्ति की किस्‍मत चमक जाती है, वो राजाओं की तरह जीवन जीता है. वहीं अशुभ योग बने तो अमीर परिवार में पैदा होकर भी बदहाली में जीवन जीता है. तमाम कोशिशें करने के बाद भी व्‍यक्ति को सफलता नहीं मिलती है. आमतौर पर कुंडली के अशुभ योग में काल सर्प दोष के बारे में सबसे ज्‍यादा चर्चा की जाती है लेकिन इसके अलावा गुरु चांडाल योग भी ऐसा अशुभ योग है जो जीवन तबाह कर देता है.

ऐसे बनता है गुरु चांडाल योग

कुंडली में गुरु, राहु और केतु के मिलन से गुरु चांडाल योग बनता है. इस योग को ज्‍योतिष में अशुभ माना गया है, हालांकि कुछ विशेष स्थितियों में यह योग शुभ फल भी देता है. अशुभ गुरु चांडाल योग व्‍यक्ति को हर काम में असलफलता देता है. कुंडली में अलग-अलग भावों में होने के कारण गुरु चांडाल योग अलग-अलग तरह से असर डालता है. यदि कुंडली में गुरु की स्थिति राहु से अधिक बलवान हो तो यह योग कमजोर होगा और इसके दुष्प्रभाव भी कम होंगे. वहीं कुंडली में चांडाल योग की स्थिति मजबूत हो तो व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

गुरु चांडाल के लक्षण और प्रभाव

यदि कुंडली में गुरु चांडाल योग बने तो व्‍यक्ति को किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती है. उसकी हर कोशिश बेकार ही जाती है. ऐसे जातक बेवजह किसी कानूनी पचड़े में फंस जाते हैं और धन हानि, मान हानि का सामना करते हैं. ऐसे लोगों की मैरिड लाइफ भी अच्‍छी नहीं रहती है. नौकरी या व्‍यापार जो भी करे उसमें हानि ही होती है या बार-बार रोजगार छिन जाता है. इस कारण व्‍यक्ति को बार-बार अपना काम-काज बदलना पड़ता है.

गुरु चांडाल योग के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय

गुरु चांडाल योग के बुरे असर को कम करने के लिए ज्‍योतिष और लाल किताब में कुछ उपाय बताए गए हैं. इसके लिए रोजाना केसर और हल्‍दी का तिलक लगाएं. कुंडली में देवगुरु बृहस्‍पति को मजबूत करने के लिए बड़े-बुजुर्गों, माता-पिता, शिक्षकों और ब्राह्मणों का सम्मान करें. भगवान विष्‍णु की पूजा करें. घर में केले का पौधा लगाकर रोजाना उसकी पूजा करना चांडाल योग से राहत पाने का बहुत अच्‍छा उपाय है. इसके अलावा राहु मंत्रों का जाप करें.


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