धर्म-अध्यात्म

गुप्त नवरात्र : जीवन को तनावमुक्त कर देते हैं यह पावन व्रत

Kajal Dubey
1 July 2022 5:47 PM GMT
गुप्त नवरात्र : जीवन को तनावमुक्त कर देते हैं यह पावन व्रत
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गुप्त नवरात्र व्रत मनोकामनाओं की पूर्ति, सिद्धि व मोक्ष प्रदान करते हैं। मान्यता के अनुसार जिस समयावधि में भगवान श्री हरि विष्णु का शयनकाल होता है उस समयावधि में देवताओं की शक्तियां कमजोर होने लगती हैं और पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों की रक्षा के लिए गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना की जाती है। गुप्त नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा की उपासना से बड़ा पुण्य प्राप्त होता है। गुप्त नवरात्र का अनुष्ठान संतान प्राप्ति और शत्रु पर विजय दिलाने वाला है। गुप्त नवरात्र में मां की उपासना से जीवन तनाव मुक्त हो जाता है।
वर्ष में चार नवरात्र आते हैं, इनमें से दो नवरात्र अश्विन और चैत्र मास में आते हैं। आषाढ़ मास में आने वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है। तंत्र विद्या में विश्वास रखने वाले साधकों के लिए यह नवरात्र बहुत विशेष माने जाते हैं। गृहस्थ के लिए भी ये व्रत बहुत फलदायी हैं। गुप्त नवरात्र में मां की आराधना गुप्त रूप से की जाती है, इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। इस गुप्त साधना से चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त होती हैं। दस महाविद्या मां काली, देवी तारा, त्रिपुरा सुंदरी, माता भैरवी, मां ध्रुमावती, माता बगलामुखी, मां मातंगी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता और कमला देवी की गुप्त नवरात्र में उपासना की जाती है। गुप्त नवरात्र व्रत अन्य नवरात्र व्रत की भांति रखे जाते हैं। इस व्रत में लोग मौन व्रत धारण करते हैं। इस व्रत के दौरान भूमि पर विश्राम करना चाहिए। पूरे नौ दिनों में अन्न तथा नमक नहीं खाया जाता। इन व्रत में फलाहार ही करना चाहिए। इन नौ दिनों में हर क्षण मां का ध्यान करना चाहिए। गुप्त नवरात्र में पानी उबालकर पिया जाता है। इस नवरात्र पूरे नौ दिन शुद्ध आचरण, शुद्ध आहार-विहार रखना आवश्यक होता है। व्रती को नित्य प्रतिदिन देवी मां का पूजन कर दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा, देवी महापुराण का पाठ करना चाहिए।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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