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हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्र का विधान है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्र का विधान है। हालांकि, अधिकांश लोगों में मात्र दो नवरात्र चैत्र और शारदेय ही प्रचलन में हैं और इन्ही दोनों के पूजा उत्सव हुआ करते हैं। आपको बता दें कि वर्ष में दो अन्य नवरात्र भी आती हैं, जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा गया है और यह माघ और आषाढ़ के माह में हुआ करती हैं। हिंदू पंचांग अनुसार इस बार माघ महीने की नवरात्र आज 12 फरवरी दिन शुक्रवार से आरंभ हो रही है और समापन 21 फरवरी दिन रविवार को होगा। इस वर्ष यह नवरात्र 9 दिन न होकर 10 दिन तक रहेगी। आपको बताते चलें कि इस बार षष्ठी (छठवीं) तिथि 2 दिन चलेगी।
ऐसी मान्यताएं हैं कि गुप्त नवरात्र में माँ दुर्गास्वरूप जगत जननी अम्बे की पूजा जितनी गुप्त तरीके से की जाए, पूजा का फल उतना अधिक मिलता है। गुप्त नवरात्र में माँ के नौ स्वरूपों के साथ-साथ उनकी 10 महाविधाओं का भी पूजन होता है।
इस नवरात्र में कई शुभ संयोग भी बन रहें हैं, जैसे- सर्वार्थसिद्धि योग, त्रिपुष्कर अमृतसिद्धि योग और राज योग। इस प्रकार इन योगों के चलते गुप्त नवरात्र में कोई भी शुभ और मंगल कार्य किए जा सकते हैं। आज ही गुरु,शुक्र, शनि, सूर्य और बुध का पंचग्रही योग भी बन रहा है, यह संयोग आज के दिन को और भी पावन बना रहा है।
गुप्त नवरात्र के दौरान शुद्धता का ध्यान रखें, जितना संभव हो उतना सरल और सादगी से रहें। काले कपड़े और चमड़े से बनी चीजों का उपयोग न करें। संभव हो तो नाखून व बाल न कटवायें। तामसिक भोजन व व्यसन से बचने का प्रयास करें। घर-परिवार में शांति और प्रेम का वातावरण रखें। अपने क्रोध और वाणी पर संयम रखें। किसी भी जीव हत्या में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संलग्न न रहें। नवरात्र में कन्या की पूजा का बड़ा महत्व है इसलिए किसी भी कन्या को अप्रसन्न न करें, उन्हें प्रसन्न रखें व सम्मान दें।
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