धर्म-अध्यात्म

Gupt Navratri 2021: जुलाई के आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि इस दिन से होगी शुरू, जाने पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व

Tulsi Rao
4 July 2021 9:07 AM GMT
Gupt Navratri 2021: जुलाई के आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि इस दिन से होगी शुरू, जाने पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व
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हिंदू धर्म में कुल 4 नवरात्रि होती है. माघ और आषाढ़ में पड़ने वाली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है. आइये जानें गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इस नवरात्रि में तांत्रिक और सात्विक दोनों प्रकार की पूजा की जाती है. पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि शुरू होती है. साल 2021 में आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई दिन रविवार से शुरू होगी, जो कि 18 जुलाई 2021 दिन रविवार को समाप्त होगी. गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के साथ तांत्रिक 10 महाविद्याओं को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है.

तांत्रिक पूजा के लिए गुप्त नवरात्रियों का महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रियों से अधिक होता है. इन गुप्त नवरात्रियों में भी आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का, तंत्र-मंत्र और सिद्धि-साधना आदि के लिए विशेष महत्व होता है. गुप्त नवरात्रि में व्यक्ति 10 महाविद्याओं का ध्यान-साधना करके दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करता है. ऐसी मान्यता है कि तंत्र मंत्र की सिद्धि के लिए इस समय की गई साधना शीघ्र फलदायी होती है. इस नवरात्रि में साधक मां आदिशक्ति की दस महाविद्याओं की पूजा गुप्त रूप से करते हैं. मान्यता है कि इस समय विधि-विधान से की गई पूजा से मां दुर्गा की ये दस महाविद्याएं साधक को कार्य सिद्धि प्रदान करती हैं.

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा

गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा की आधी रात में पूजा करते हैं. इसमें स्नानादि करके घर में गुप्त स्थान पर मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी चढ़ाते हैं. इसके बाद मां के चरणों में पूजा सामग्री के साथ-साथ लाल पुष्प चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है. मां के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. उसके बाद आरती आदि करके पूजा समाप्त करें.

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त

आषाढ़ घट स्थापना: 11 जुलाई 2021 रविवार को

घट स्थापना शुभ मुहूर्त – सुबह 05:31 से सुबह 07:47

अवधि – 02 घंटे 16 मिनट

घट स्थापना अभिजित मुहूर्त – सुबह 11:59 से दोपहर 12:54

प्रतिपदा तिथि शुरु – 10 जुलाई 2021 को सुबह 06:46 बजे

प्रतिपदा तिथि समाप्ति – 11 जुलाई 2021 को सुबह 07:47 बजे से

हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इस नवरात्रि में तांत्रिक और सात्विक दोनों प्रकार की पूजा की जाती है. पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि शुरू होती है. साल 2021 में आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई दिन रविवार से शुरू होगी, जो कि 18 जुलाई 2021 दिन रविवार को समाप्त होगी. गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के साथ तांत्रिक 10 महाविद्याओं को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है.
तांत्रिक पूजा के लिए गुप्त नवरात्रियों का महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रियों से अधिक होता है. इन गुप्त नवरात्रियों में भी आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का, तंत्र-मंत्र और सिद्धि-साधना आदि के लिए विशेष महत्व होता है. गुप्त नवरात्रि में व्यक्ति 10 महाविद्याओं का ध्यान-साधना करके दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करता है. ऐसी मान्यता है कि तंत्र मंत्र की सिद्धि के लिए इस समय की गई साधना शीघ्र फलदायी होती है. इस नवरात्रि में साधक मां आदिशक्ति की दस महाविद्याओं की पूजा गुप्त रूप से करते हैं. मान्यता है कि इस समय विधि-विधान से की गई पूजा से मां दुर्गा की ये दस महाविद्याएं साधक को कार्य सिद्धि प्रदान करती हैं.
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा
गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा की आधी रात में पूजा करते हैं. इसमें स्नानादि करके घर में गुप्त स्थान पर मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी चढ़ाते हैं. इसके बाद मां के चरणों में पूजा सामग्री के साथ-साथ लाल पुष्प चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है. मां के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. उसके बाद आरती आदि करके पूजा समाप्त करें.
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
आषाढ़ घट स्थापना: 11 जुलाई 2021 रविवार को
घट स्थापना शुभ मुहूर्त – सुबह 05:31 से सुबह 07:47
अवधि – 02 घंटे 16 मिनट
घट स्थापना अभिजित मुहूर्त – सुबह 11:59 से दोपहर 12:54
प्रतिपदा तिथि शुरु – 10 जुलाई 2021 को सुबह 06:46 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्ति – 11 जुलाई 2021 को सुबह 07:47 बजे से


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