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धर्म-अध्यात्म
चमत्कारिक है गुजरात का स्तंभेश्वर मंदिर, जानें इसके बारे में सब कुछ
Ritisha Jaiswal
10 July 2022 9:00 AM GMT

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आज सावन महीने का आखिरी चौथा सोमवार है. 22 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाने के साथ शिव जी की आराधना का यह खास महीना खत्म हो जाएगा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज सावन महीने का आखिरी चौथा सोमवार है. 22 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाने के साथ शिव जी की आराधना का यह खास महीना खत्म हो जाएगा. सावन सोमवार पर हम आज एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में जानते हैं जो दिन में 2 बार समुद्र (Sea) में डूब जाता है. मंदिर के इस तरह डूबने और कुछ घंटे बाद फिर प्रकट होने की घटना को देखने के लिए विदेशों से भी पर्यटक आते हैं. यह मंदिर गुजरात के वडोदरा शहर के पास कावी-कंबोई नाम के गांव में है.
जलस्तर घटने पर ही होते हैं दर्शन
इस प्राचीन मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन करने के लिए समुद्र के जलस्तर के घटने का इंतजार करना पड़ता है. समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटे दिन में 2 बार इस मंदिर को अपने जल में समाहित कर लेते हैं और कुछ देर बाद फिर से शिवलिंग नजर आने लगता है. यह मंदिर अरब सागर (Arabian Sea) के बीच कैम्बे तट पर बना हुआ है
भगवान शिव के पुत्र ने बनाया था
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के नाम से विख्यात इस तीर्थ के बारे में श्री महाशिवपुराण की रुद्र संहिता में उल्लेख किया गया है. इसके मुताबिक यह मंदिर भगवान शिव के बेटे कार्तिकेय ने बनाया था. शिव भक्त ताड़कारसुर का वध करने के बाद कार्तिकेय बहुत बैचेन थे, तब अपने पिता के कहने पर उन्होंने ताड़कासुर के वध स्थल पर यह मंदिर बनाया था. इस मंदिर का शिवलिंग करीब 4 फीट ऊंचा और 2 फीट चौड़ा है. मंदिर की इस चमत्कारिक घटना के अलावा लोग खूबसूरत अरब सागर का नजारा देखने के लिए भी यहां आते हैं.

Ritisha Jaiswal
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