- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- देवी मां लक्ष्मी से...
धर्म-अध्यात्म
देवी मां लक्ष्मी से जुड़ा महाउपाय, ऐसी करते ही व्यक्ति हो जाता है धनवान
Tara Tandi
11 July 2021 7:14 AM GMT
x
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जीवन में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे धन की जरूरत न पड़ती हो। सुबह से लेकर देर रात तक मेहनत करने वाले हर इंसान की चाहत होती है कि अपार धन कमाए और माता लक्ष्मी की उस पर हमेशा बरसती रहे। लेकिन सच यह है कि मात्र चाहने से धन का खजाना नहीं भरता है। इसके लिए कठिन परिश्रम के साथ सौभाग्य की भी जरूरत पड़ती है, जो कि माता लक्ष्मी की कृपा से किसी-किसी को ही प्राप्त होता है। आइए आज जानते हैं कि कि आखिर वो कौन से सनातनी उपाय हैं जिन्हें करने से धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों की झोली दौलत से भर देती हैं।
1. धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए सबसे पहली शर्त है कि आप अपने घर एवं कार्यक्षेत्र को हमेशा साफ-सुथरा और पवित्र बनाए रखें।
2. माता लक्ष्मी की कृपा पानी है तो कभी भूलकर भी किचन में गंदे बर्तन न छोड़ें।
3. प्रतिदिन प्रात:काल घर के मुख्य द्वार पर तांबे के लोटे में जल लेकर जल छिड़कें। यदि इस उपाय को कोई घर की महिला करे तो और भी शुभ होता है।
4. घर में प्रतिदिन माता लक्ष्मी जी का पूजन करें और शाम को घर के मुख्य द्वार पर दायीं ओर एक घी का दीया जलाएं।
5. माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहने के लिए भूलकर भी रात्रि में चावल, दही आदि का सेवन न करें।
6. घर में विधि-विधान से महालक्ष्मी यंत्र की स्थापना करें और प्रतिदिन श्रद्धा भाव के साथ पूजा करें।
7. कभी घर के पैसे वाले स्थान या पर्स को जूठे हाथ से न छुएं और न थूक लगाकर रुपयों को गिनें।
8. घर के पूजा स्थल में माता लक्ष्मी मूर्ति या चित्र के साथ शंख जरूर रखें। गौरतलब है कि शंख समुद्र मंथन के समय प्राप्त 14 अनमोल रत्नों में से एक है, जिसे लक्ष्मी जी का भाई माना जाता है।
9. पीली कौड़ी को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, इसलिए उनकी कृपा पाने के लिए कुछ सफेद कौड़ियों को केसर या हल्दी के घोल में भिगोकर उसे लाल कपड़े में बांधकर घर के उस स्थान पर रखें जहां पर आप अपने रुपये-पैसे रखते हों। इस स्थान पर श्रीफल यानि नारियल को भी पूजित करके रखना शुभ माना गया है।
10. श्रीयंत्र की पूजा और श्री सूक्त का पाठ करने से माता लक्ष्मी की कृपा अति शीघ्र प्राप्त होती है।
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Next Story