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जुलाई में कई बड़े ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं. इसमें शनि भी शामिल हैं. 12 जुलाई को शनि अपनी ही स्वराशि मकर में वक्री अवस्था में आ जाएंगे.
जुलाई में कई बड़े ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं. इसमें शनि भी शामिल हैं. 12 जुलाई को शनि अपनी ही स्वराशि मकर में वक्री अवस्था में आ जाएंगे. मकर में प्रवेश करने के बाद शनि इसनें 17 जनवरी 2023 तक रहने वाले हैं. वैसे अप्रैल में ही शनि ने अपना राशि परिवर्तन करते हुए कुंभ राशि में प्रवेश किया था और 5 जून को वक्री हो गए थे. अब फिर से शनि 12 जुलाई को अपनी स्वराशि मकर में वक्री हो जाएंगे. शनि के इस बदलाव से दो राशियां फिर से शनि की चपेट में आ जाएंगी. आइए जानें.
शनि ढैय्या की चपेट में आ जाएंगी ये राशियां- शनि के स्थान परिवर्तन होते ही उसका शुभ और अशुभ प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलता है. शनि के मकर में प्रवेश करते ही मिथुन और तुला राशि के जातक शनि ढैय्या की चपेट में आ जाएंगे. इन दोनों राशियों के जातकों पर 17 जनवरी तक शनि की क्रूर दृष्टि रहेगी. इन राशियों पर शनि की ढाई साल के लिए नहीं बल्कि 6 महीने के लिए ही होगी.
इन दो राशियों को मिलेगी मुक्ति- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब 29 अप्रैल को शनि ने कुंभ राशि में प्रवेश किया था, तो कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू हो गई थी. लेकिन 12 जुलाई को शनि के मकर में चले जाने से इन दोनों ही राशियों को एक बार फिर से शनि से मुक्ति मिल जाएगी. ये राहत सिर्फ 6 महीने के लिए ही है. इसके बाद 17 जनवरी 2023 से एक बार फिर शनि ढैय्या की चपेट में आ जाएंगे.
शनि ढैय्या के प्रभावों से बचने के उपाय- शनि की क्रूर दृष्टि अच्छे-खासे इंसान को तबाह कर देती है. शनि ढैय्या के चलते व्यक्ति को कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है. ऐसे में व्यक्ति के बनते काम भी बिगड़ने लगते हैं. इसलिए व्यक्ति को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. शनि के प्रभावों से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों की मदद करें. चीटियों को आटा डालें. शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें. साथ ही सुंदरकांड का पाठ करें. मान्यता है कि हनुमान जी के भक्तों पर शनि देव क्रूर दृष्टि नहीं डालते.
Ritisha Jaiswal
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