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धर्म-अध्यात्म
गाय में होता है देवी-देवताओं का वास, जानें क्यों किया जाता है गाय का दान
Ritisha Jaiswal
11 Feb 2022 3:37 PM GMT
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हिंदू धर्म में दान को पुण्य कर्म कहा गया है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक हर व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करते रहना चाहिए
हिंदू धर्म में दान को पुण्य कर्म कहा गया है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक हर व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करते रहना चाहिए. मान्यता है कि दान करने से कुंडली के ग्रह शांत रहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, अगर कोई इंसान ग्रहों की स्थिति के आधार पर दान करता है तो जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. जानते हैं कि गाय का दान क्यों जरूरी बताया गया है.
क्यों जरूरी है गाय का दान?
दान अनेक प्रकार के होते हैं. अलग-अलग मनोकामना की पूर्ति के लिए अलग-अलग वस्तुओं के दान का विधान है. शास्त्रों में गोदान या गाय के दान को कल्याणकारी बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि हर इंसान को जीवन में एक बार गाय का दान जरूर करना चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही पितृ दोष का भी निवारण होता है.
ब्राह्मण को किया गया गो-दान है श्रेष्ठ
पुराणों के मुताबिक ब्राह्मण को किया गया गाय का दान ही उपयुक्त और श्रेष्ठ है. गाय का दान किसी अंगहीन को नहीं करना चाहिए. जो यज्ञ करवा सकता हो, जिसका परिवार भरा पूरा हो और जिसकी पत्नी जीवित हो उसे ही गोदान का अधिकारी माना गया है. शांत और सदाचरी ब्राह्मण को ही गोदान करना चाहिए.
गाय के अंगों में होता है देवी-देवताओं का वास
धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक गाय के अंगों में देवी-देवताओं का वास होता है. ऐसे में गाय को दान करने से पहले उनका श्रृंगार किया जाता है. मान्यता है कि गाय के सींगों में ब्रह्मा और विष्णु निवास करते हैं. इसके अलावा गाय के सिर में शिव, माथे पर गौरी और नथनों में कार्तिकेय का वास होता है.
Ritisha Jaiswal
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