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अष्टमी के दिन कन्या पूजन का होता है विशेष महत्व, जानिए इसका शुभ समय
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नवरात्र में अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन का विशेष महत्व माना गया है। इन दोनों दिनों में जब भी कन्या पूजन करते हैं तो पुण्यदायी होता है। बहुत से लोग नवरात्र में कन्या पूजन नहीं करते हैं, वह किसी विशेष अष्टमी व नवमी तिथि को पूजन करते हैं। लेकिन इस बार तिथियों को लेकर उलझन है और लोगों को मन में सवाल उठ रहे हैं कि कन्या पूजन किस दिन कराएं। दरअसल अष्टमी व नवमी का दूर्गा पूजन में विशेष महत्व है। इस दिन कन्या पूजन करके सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
कन्या पूजन के लिए यह है शुभ समय
तिथियों और कन्या पूजन के उलझन में हम आपको बता दें कि इस बार कन्या पूजन की शुभ तिथि 24 अक्टूबर दिन शनिवार को है। अष्टमी तिथि 23 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 58 मिनट से लग रही है और 24 तारीख को सुबह 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि रहेगी ऐसे में 24 तारीख को सुबह 6 बजकर 59 मिनट तक कन्या पूजन करना उत्तम रहेगा। उदया तिथि और नवमी तिथि लग जाने के कारण अष्टमी व नवमी का कन्या पूजन 24 अक्टूबर को दोपहर तक करवा सकते हैं। कन्या पूजन के लिए यह समय सबसे उत्तम है।
इस योग में शुभ है कन्या पूजन
कन्या पूजन के लिए यह समय इसलिए भी शुभ है कि क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 28 मिनट से मध्य रात्रि 02 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। साथ ही रवि योग और अमृत काल भी इस दिन पड़ रहा है। इस योग में मां की पूजा और कन्या पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कन्या पूजन के बाद बहुत से लोग इस दिन हवन भी कराते हैं और मां दुर्गा की विदाई भी करते हैं।
इस समय तक है नवमी और दशमी
अगर आप 25 अक्टूबर को नवमी की पूजा के बाद कन्या पूजन करना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि यह मुहूर्त सुबह 07 बजकर 42 मिनट तक रहेगा क्योंकि इसके बाद दशमी तिथि लग जाएगी। इस वजह से दो त्योहार एक ही दिन पड़ जा रहे हैं। नवमी तिथि 24 अक्टूबर सुबह 06 बजकर 59 मिनट से 25 की सुबह 07 बजकर 42 मिनट तक है। दशमी तिथि 25 अक्टूबर की सुबह 07 बजकर 42 मिनट से 26 अक्टूबर की सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगी।