धर्म-अध्यात्म

गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण कर मैरिड लाइफ की समस्‍याओं पाएं निजात

Renuka Sahu
1 Aug 2021 3:39 AM GMT
गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण कर मैरिड लाइफ की समस्‍याओं पाएं निजात
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फाइल फोटो 

शिव जी के आंसुओं से पैदा हुए रुद्राक्ष में गजब की ताकत और सकारात्‍मकता होती है. यह जिंदगी की कई समस्‍याओं को दूर करते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शिव जी के आंसुओं से पैदा हुए रुद्राक्ष (Rudraksha) में गजब की ताकत और सकारात्‍मकता होती है. यह जिंदगी की कई समस्‍याओं को दूर करते हैं. रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं और अलग-अलग मनोकामनाओं के मुताबिक इनका उपयोग करने की सलाह दी जाती है. धर्म-पुराणों और ज्‍योतिष के मुताबिक मैरिड लाइफ संबंधी समस्‍याओं से निजात पाने के लिए गौरी-शंकर रुद्राक्ष (Gauri-Shankar Rudraksha) पहनना बहुत कारगर साबित होता है. खासकरके रुद्राक्ष यदि सावन महीने में पहना जाए तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है.

मिलता है शिव-पार्वती का आशीर्वाद
गौरी-शंकर रुद्राक्ष पहनने से भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की ही कृपा मिलती है. शिव-पार्वती की आराधना से मैरिड लाइफ (Married Life) की समस्‍याएं दूर होती हैं. इसके अलावा भी इस रुद्राक्ष को पहनने के कई लाभ हैं.
- गौरी-शंकर रुद्राक्ष पहनने से पति-पत्‍नी (Husband-Wife) का रिश्‍ता बेहतर होता है.
- जिन लोगों को संतान सुख नहीं मिल पा रहा है, वे गौरी-शंकर रुद्राक्ष पहनें तो उनकी यह मनोकामना जल्‍दी ही पूरी होती है.
- यह महिला-पुरुषों की फर्टिलिटी संबंधी समस्‍याओं को दूर करने में भी कारगर है.
- हर रुद्राक्ष नकारात्‍मकता को दूर करके सकारात्‍मक ऊर्जा देता है. इससे घर-परिवार में सुख-शांति आती है.
- अभिमंत्रित किया हुआ गौरी-शंकर रुद्राक्ष तिजोरी या पैसे रखने की जगह पर रखा जाए तो कभी आर्थिक तंगी नहीं आती है.
रुद्राक्ष धारण करने का तरीका
गौरी-शंकर रुद्राक्ष को शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार, मासिक शिवरात्रि, रवि पुष्य संयोग या सवार्थ सिद्धि योग में अभिमंत्रित करके पहन सकते हैं. यदि यह काम सावन महीने में करें तो बहुत ही शुभ होगा. रुद्राक्ष धारण करने के लिए स्‍नान करके पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें. रुद्राक्ष को गंगाजल और कच्‍चे दूध से धोकर साफ कपड़े से पोछें. इसके बाद चंदन, अक्षत आदि से पूजा करें. 108 बार ऊं नम: ​शिवाय का जाप करें. फिर ऊं अर्धनारीश्वराय नम: मंत्र का जाप करके इसे चांदी की चेन या लाल धागे में डालकर गले में धारण करें.


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