धर्म-अध्यात्म

श्राद्ध में इस तरह कराएं ब्राह्मण भोजन,बरतें ये सावधानी वरना पितृ हो सकते हैं नाराज

Renuka Sahu
27 Sep 2021 2:05 AM GMT
श्राद्ध में इस तरह कराएं ब्राह्मण भोजन,बरतें ये सावधानी वरना पितृ हो सकते हैं नाराज
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फाइल फोटो 

पितृ पक्ष में पितरों को तर्पण दिया जाता है. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पितृ पक्ष में पितरों को तर्पण दिया जाता है. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. कई लोग इस समय में विधिवत तरीके से श्राद्ध कर्म करते हैं और इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं. भोजन कराने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आपको सफलता और तरक्की का आशीर्वाद देते हैं. इस बार पितृपक्ष 20 सितंबर से शुरू हो चुका है जो 6 अक्टूबर 2021 तक चलेगा.

पितरों के दान से नाम देने से पुण्य करना चाहिए. अगर संभव नहीं है तो मृत्यु तिथि के दिन विधिवत तरीके से श्राद्ध करें. मान्यता है कि ब्राह्मणों के मुख के द्वारा ही देवता हव्य और पितर कव्य ग्रहण करते हैं. अगर उनके श्राद्ध में किसी तरह की कमी रह जाती है तो वो नाराज होकर लौट जाते हैं. जिसकी वजह से आपको जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
श्राद्ध कर्म के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है. आइए जानते हैं भोजन कराते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. माना जाता है कि श्राद्ध कर्म के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितरों तक सीधा पहुंचता है. इससे पितर बेहद प्रसन्न होते हैं और आपके परिवार को तरक्की और सुरक्षा का वादा देते हैं.
दोपहर में करें श्राद्ध
शास्त्रों में सुबह और शाम का समय देवकार्यों के लिए है और दोपहर का समय पितरों के लिए होता है. पितरों की तिथि के दिन श्राद्ध करें और ब्राह्मणों को दक्षिण दिशा में कुश या लकड़ी के पटे पर बैठाकर भोजन कराएं. क्योंकि दक्षिण दिशा यम की मानी जाती है और पितर इस दिशा से आते जाते हैं.
किन बर्तनो का न करें इस्तेमाल
ब्राह्मणों को भोजन कराने के लिए पीतल, चांदी, कांसे आदि के बर्तन का प्रयोग करना चाहिए. भूलकर भी न लोहे के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है. श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों को गाय के दूध से बनी चीजें बनाएं और परोसें.
मौन रूप से भोजन कराएं
ब्राह्मणों को भोजन कराते समय इस बात का ध्यान रखें कि मौन रूप से भोजन कराएं ताकि पितरों को कोई समस्या न हों. मान्यता है कि बोलने से पितरों को भोजन नहीं पहुंचता है और ऐसा करने से टोका – टाकी होती है.
दक्षिण दिशा में जलाएं दीपक
श्राद्ध के दिन दक्षिण दिशा में पितर के नाम से दीपक जलाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आपको दीर्घायु, मोक्ष, धन वृद्धि, राज्यभोग का आशीर्वाद देते हैं.


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