धर्म-अध्यात्म

Garuda Purana : ये 6 आदतें जीवन में दुख की वजह बनती हैं, जानिए

Bhumika Sahu
25 Sep 2021 4:59 AM GMT
Garuda Purana : ये 6 आदतें जीवन में दुख की वजह बनती हैं, जानिए
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गरुड़ पुराण में जीवन को सही तरीके से जीने की तमाम बातें बताई गई हैं. नीति और नियम के अलावा यथार्थ से वाकिफ ​कराया गया है. इसमें लिखी बातों का अनुसरण करके व्यक्ति तमाम कष्टों को दूर कर सकता है.

जानत से रिश्ता वेबडेस्क। ग्रंथ और धर्मशास्त्र व्यक्ति को सही राह दिखाने के लिए हैं, ताकि हम उसमें कही हुई बातों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें. लेकिन हम में से ज्यादातर लोग उसमें लिखी बातों को सुनकर सहमति में सिर तो हिलाते हैं, लेकिन उन बातों का पालन नहीं करते. यदि शास्त्रों में लिखी बातों को समझने का प्रयास किया जाए तो जीवन की तमाम समस्याओं से बचा जा सकता है.

गरुड़ पुराण भी ऐसा ही महापुराण है, जिसमें जीवन को अच्छी तरह से जीने से लेकर, मृत्यु और उसके बाद तक की स्थितियों का वर्णन किया गया है. मान्यता है कि इस पुराण में कही बातों को खुद भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ से कहा है. यहां जानिए गरुड़ पुराण के आचारकांड में बताए गए कुछ ऐसे गलत काम, जिनकी वजह से जीवन में दुख बना रहता है…
ये 6 आदतें हैं दुख की वजह
चिंता
चिंता को चिता के समान माना गया है. चिंता व्यक्ति के दिमाग को खोखला कर देती है. उससे सोचने समझने की शक्ति छीन लेती है. ऐसे में व्यक्ति गलत निर्णय लेता है और जीवन में परेशानियों को और ज्यादा बढ़ा लेता है.
डर
डरने से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता. समस्या को सुलझाने के लिए आपको उसका सामना करने की जरूरत होती है. अगर आपके अंदर किसी चीज के प्रति अत्यधिक डर है, तो इससे आप ही को परेशानी होगी. इसलिए भयमुक्त होकर जीवन जीना सीखिए.
ईर्ष्या
ईर्ष्या वो आग है, जो व्यक्ति को अंदर ही अंदर जला देती है. ईर्ष्या के चलते व्यक्ति खुद न तो प्रसन्न हो पाता है और न ही तरक्की कर पाता है. उसका दिमाग बस दूसरों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए चलता है. ऐसे में वो खुद का ही नुकसान करता है और बाद में पछताता है.
क्रोध
क्रोध इंसान के सोचने समझने की शक्ति छीन लेता है. क्रोध में इंसान कोई फैसला ठीक नहीं ले सकता. ऐसे में उसे दुख के सिवा कुछ प्राप्त नहीं होता. इसलिए व्यक्ति को दिमाग शांत रखना चाहिए.
आलस्य
आलस को व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन बताया गया है. व्यक्ति चाहे कितना ही ​बुद्धिमान हो, अगर वो आलसी होगा, तो आए हुए मौके भी गवां देगा और उसके हाथ कुछ नहीं लगेगा. ऐसे में उसे अंत में दुख ही हासिल होता है.
नकारात्मक सोच
आप अगर वाकई सुखी रहना चाहते हैं, तो आपको अपनी सोच के नजरिए को बदलना पड़ेगा. नकारात्मक सोच से घिरा व्यक्ति कभी कुछ अच्छा देख ही नहीं सकता. इसके अलावा वो मन में कुंठित होता रहता है. इसलिए अपनी सोच को सकारात्मक बनाकर रखिए.


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