धर्म-अध्यात्म

Garuda Purana : मृत्यु के बाद मृतक के परिजनों को ध्यान रखनी चाहिए ये बातें, जाने

Nidhi Markaam
29 Oct 2021 4:56 AM GMT
Garuda Purana : मृत्यु के बाद मृतक के परिजनों को ध्यान रखनी चाहिए ये बातें, जाने
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गरुड़ पुराण में किसी की मृत्यु के ​बाद उसके परिजनों को कुछ नियमों का पालन करने की बात कही गई है

1. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि शवदाह करने के बाद परिजनों को कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए. आपके न देखने से आत्मा को ये संदेश मिलता है कि अब उसके परिवारीजनों का मोह उससे खत्म हो चुका है. ऐसे में आत्मा के लिए अपने मोह को छोड़कर नए सफर के लिए अग्रसर होना आसान हो जाता है.

2. गरुड़ पुराण में यम मार्ग को बेहद कठिन बताया गया है. इस मार्ग में आत्मा को ज्यादा कष्ट न सहने पड़ें, इसके लिए हर व्यक्ति को मृत्यु से पहले तिल, लोहा, सोना, रूई, नमक, सात प्रकार के अन्न, भूमि, गौ, जलपात्र और पादुकाएं दान करनी चाहिए.
3. ब्रह्मचारी को माता पिता और गुरुजनों के अलावा किसी और को कंधा नहीं देना चाहिए. इससे उसका ब्रह्मचर्य भंग होता है. शवदाह करने से पूर्व किसी भी शव को पहले गंगा जल से स्नान कराना चाहिए और चंदन, घी व तिल के तेल का लेप करना चाहिए.
4. शव दाह के समय मटके में छेद करके उसमें जल भरकर परिक्रमा की जाती है और आखिर में मटके को फोड़ दिया जाता है. मटके को फोड़ने सा मृतक के साथ मोह भंग का संकेत हैं. ये क्रिया करने से आत्मा अपने परिवार के लोगों के साथ आसानी से मोहभंग कर पाती है.
5. शवदाह से लौटने के बाद मिर्च या नीम दांतों से चबाकर तोड़ देना चाहिए. इसके बाद लोहा, जल, अग्नि और पत्थर का स्पर्श करके घर में प्रवेश करना चाहिए. इसके बाद 11 दिनों तक घर के बाहर शाम के समय दीप दान करना चाहिए.
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