धर्म-अध्यात्म

गणपति खास पूजा से सारे दुख दूर होंगे, खुशियों से होगी नए साल की शुरुआत

Teja
21 Dec 2021 6:01 AM GMT
गणपति खास पूजा से सारे दुख दूर होंगे, खुशियों से होगी नए साल की शुरुआत
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तमाम समस्‍याओं और संकटों से निजात पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी का दिन बहुत खास होता है. इसलिए इसका नाम ही संकष्‍टी चतुर्थी रखा गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | तमाम समस्‍याओं और संकटों से निजात पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी का दिन बहुत खास होता है. इसलिए इसका नाम ही संकष्‍टी चतुर्थी रखा गया है. हर महीने की दोनों चतुर्थी तिथ‍ि भगवान गणेश को समर्पित की गईं हैं. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करना बहुत लाभ देता है. साल 2021 की आखिरी संकष्‍टी चतुर्थी कल यानी कि 22 दिसंबर, बुधवार को है. इस दिन शुभ मुहूर्त में गणेश पूजा और चंद्र पूजा करना आपके सारे कष्‍ट दूर कर देगा और साल नए साल को खुशियों से भर देगा.

संकष्‍टी चतुर्थी का पूजा मुहूर्त
22 दिसंबर बुधवार को संकष्टी चतुर्थी शाम 04:52 से शुरू होगी और अगले दिन 23 दिसंबर को शाम 06:27 पर खत्‍म होगी. लेकिन संकष्‍टी चतुर्थी में चंद्र पूजा का महत्‍व ज्‍यादा होता है इसलिए इस संकष्‍टी चतुर्थी में पूजा करने का शुभ मुहूर्त 22 दिसंबर को रात 08:15 मिनट से लेकर रात्रि 09:15 मिनट यानी कि एक घंटे तक रहेगा. वहीं चंद्र दर्शन का समय रात में 08:30 से 09:30 तक रहेगा.
ऐसे करें गणपति को प्रसन्‍न
इस बार संकष्‍टी चतुर्थी बुधवार को पड़ रही है और बुधवार का दिन गणपति को समर्पित है. ऐसे में यह योग गणपति को प्रसन्‍न करने के लिए बेहद शुभ है. गणपति की अपार कृपा पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं. स्‍नान करके साफ कपड़े पहनें और संभव हो तो व्रत भी करें. स्‍नान के बाद गणपति की प्रार्थना करते हुए व्रत का संकल्‍प लें. गणपति पूजा के लिए मूर्ति को लाल या पीले रंग के वस्‍त्र पहनाएं. इन्‍हीं रंगों के फूलों से उनको सजाएं. भगवान को तिल, गुड़, लड्डू, धूप, चन्दन, मोदक आदि अर्पित करें. शाम को शुभ मुहूर्त में गणपति को भोग लगाएं. संकष्टी व्रत कथा पढ़ें, आरती पढ़ें. इसके बाद चंद्रमा को जल अर्पित करके, उनकी पूजा करें और फिर व्रत खोलें.


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