धर्म-अध्यात्म

Ganesh : बुधवार के दिन करें ये उपाय, 'विघ्नहर्ता' होंगे प्रसन्न

Tulsi Rao
28 Dec 2021 11:15 AM GMT
Ganesh : बुधवार के दिन करें ये उपाय, विघ्नहर्ता होंगे प्रसन्न
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नक्षत्र और सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन गणेश जी को कैसे प्रसन्न कर आशीर्वाद पाया जा सकता है, आइए जानते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Ganesh Puja On Wednesday : पंचांग के अनुसार 29 दिसंबर 2022 को बुधवार है. इस दिन पौष मास की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है. इस दिन गणेश जी की पूजा का विशेष संयोग बना हुआ है. बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित माना गया है. इस दिन स्वाति नक्षत्र और सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन गणेश जी को कैसे प्रसन्न कर आशीर्वाद पाया जा सकता है, आइए जानते हैं-

गणेश जी को प्रथम देव माना गया है. इसीलिए किसी भी शुभ कार्य से पहले गणपति भगवान की पूजा की जाती है. गणेश जी की पूजा के लिए बुधवार का दिन उत्तम माना गया है. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से कुंडली में बुध दोष दूर होता है. ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को वाणी, वाणिज्य, लेखन, कानून और गणित आदि का कारक माना गया है. ऐसी मान्यता है कि बुधवार के दिन विधि-विधान के साथ पूजा करने से बप्पा बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. इस दिन व्रत आदि रखने से गजानन की कृपा बरसती है.
दूर्वा घास चढ़ाएं
बुधवार के दिन गणेश जी पर दूर्वा घास चढ़ाने को बहुत ही शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है. मान्यता है कि इस दिन 21 गांठे दूर्वा घास की चढ़ाने से गणेश जी खुश होते हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि और बुद्धि प्रदान करते हैं. धार्मिक पुस्तकों में गणेश जी की बुद्धि का दाता बताया गया है.
दूर्वा घास गणेश जी पर क्यों चढ़ाई
पौराणिक कथा के अनुसार अनलासुर नाम का एक राक्षस था. जो लोगों को परेशान किया करता था. ऋषि मुनि भी उसके अत्याचार परेशान हो गए और इससे छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव की शरण में पहुंचे. भगवान शिव ने कहा कि इस दैत्य को भगवान गणेश जी ही खत्म कर सकते हैं. ऋषि-मुनि और देवता गणेश जी के पास पहुंचे और रक्षा की प्रार्थना की. सभी की प्रार्थना पर गणेश जी ने राक्षस अनलासुर को निगल लिया. राक्षस को निगलने से उनके पेट में बहुत जलन होने लगी. तब कश्यप ऋषि ने गणेश जी को दूर्वा घास की 21 गांठे खाने के लिए दी. इससे उनके पेट की जलन शांत हो गई. मान्यता है तभी से गणेश जी को दूर्वा घास चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई. चिकित्सक भी दूर्वा घास को गुणकारी मानते हैं.


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