धर्म-अध्यात्म

Ganesh chaturthi : 10 सितंबर को है गणेश चतुर्थी

Ritisha Jaiswal
3 Sep 2021 11:05 AM GMT
Ganesh chaturthi : 10 सितंबर को है गणेश चतुर्थी
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भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। 10 सितंबर से लेकर 19 सितंबर तक यह उत्सव मनाया जायेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। 10 सितंबर से लेकर 19 सितंबर तक यह उत्सव मनाया जायेगा। गणेश उत्सव के पहले दिन श्री गणेश जी की घर में स्थापना की जाती है और पूरे दस दिनों तक उनकी विधि-विधान से पूजा करके आखिरी दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार भले ही ये गणेश उत्सव दस दिनों तक मनाया जाता है, लेकिन ये लोगों की श्रद्धा पर निर्भर करता है कि वो गणपति जी को कितने दिनों के लिए अपने घर लाते हैं। कई लोग एक दिन, तीन दिन, पांच दिन या सात दिनों के लिये भी गणपति जी को घर पर लाते हैं।

गणेश उत्सव में मिट्टी की प्रतिमा का बहुत ही महत्व है श्री गणेश भगवान की कृपा से इन दस दिनों के दौरान आपकी मनचाही सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। गणपति जी आपकी हर समस्या का समाधान निकालने के लिये आपके साथ ही मौजूद होंगे। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा और स्थापना विधि के बारे में।
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 9 सितंबर रात 12 बजकर 18 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त- 10 सितंबर रात 9 बजकर 57 मिनट तक
मध्यान्ह पूजन मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 3 मिनट से दोपहर 1 बजकर 33 मिनट पर
वर्जित चंद्रदर्शन का समय –सुबह 9 बजकर 12 मिनट से शाम 8 बजकर 53 मिनट तक
भगवान गणेश की स्थापना का शुभ मुहूर्त
10 सितंबर 2021 को दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे के बीच गणेश स्थापना के लिये अच्छा मुहूर्त है।
पूजन सामग्री
पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश की प्रतिमा, जल का कलश, पंचामृत, रोली, अक्षत, कलावा, लाल कपड़ा, जनेऊ, गंगाजल, सुपारी, इलाइची, बतासा, नारियल, चांदी का वर्क, लौंग, पान, पंचमेवा, घी, कपूर, धूप, दीपक, पुष्प, भोग का समान आदि एकत्र कर लें।
भगवान गणेश की स्थापना विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करे लें। गणपति का स्मरण करते हुए पूजा की पूरी तैयारी कर लें। इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें। एक कोरे कलश में जल भरकर उसमें सुपारी डालें और उसे कोरे कपड़े से बांधना चाहिए। इसके बाद सही दिशा में चौकी स्थापित करके उसमें लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। स्थापना से पहले गणपति को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद गंगाजल से स्नान कराकर चौकी में जयकारे लगाते हुए स्थापित करें। इसके साथ रिद्धि-सिद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी भी रख दें।
भगवान गणेश की पूजा विधि
स्थापना के बाद गणपति को फूल की मदद से जल अर्पित करे। इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाए। इसके बाद लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग, इलायची और कोई मिठाई रखकर अर्पित कर दें। नारियल और भोग में मोदक अर्पित करें। षोडशोपचार के साथ उनका पूजन करें। गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्‍ती से भगवान गणेश की आरती करें। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
या फिर
ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।
दिन में 3 बार लगाएं भोग
अगर आपने अपने घर पर भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित की हैं तो उनका ख्याल बिल्कुल घर के सदस्य की तरह रखना होगा, इसलिए गणपति को दिन में 3 बार भोग लगाना अनिवार्य है। गणपति बप्पा को रोजाना मोदक का भोग जरूर लगाना चाहिए। आप चाहे तो मोतीचूर या बेसन के लड्डू से भी भोग लगा सकते हैं।


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