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Ganesh Chaturthi : संकष्टी चतुर्थी तिथि पर बना शुभ योग, जानिए मुहूर्त और पूजन विधि
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अभी पितृ पक्ष चल रहे हैं। हर वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से आश्विन अमावस्या तिथि तक पितरों को तर्पण और पिंडदान दिया जाता है। मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितृलोक से हमारे परिजन 16 दिनों के लिए पृथ्वी पर आते हैं और अपने परिवार के सगे संबंधियों से भोजन ग्रहण कर उन्हें आशीर्वाद देते हुए पितृलोक वापस चले जाते हैं। शुक्रवार, 24 सितंबर को अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की कृपा पाने का दिन होता है। ऐसे में इस तिथि पर व्रत रखा जाता है। 24 सितंबर को पितृपक्ष, शुक्रवार और चतुर्थी का शुभ योग बन रहा है जो बहुत ही शुभ फल देने वाला होगा।
चतुर्थी तिथि पर ऐसे करें पितरों की पूजा
शुक्रवार को पितरों की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए। इसमें सुबह-सुबह उठकर स्नान करने के बाद परिवार के मृत सदस्यों को याद करते हुए उनके लिए धूप जलाएं और काले तिल के साथ तर्पण करना चाहिए। इसके बाद दोपहर को पितरों का आह्वन करते हुए अग्नि में गुड़ और घी अर्पित करें और भोजन करने का आग्रह करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त
24 सितंबर को गणेश चतुर्थी की तिथि शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 29 मिनट से आरंभ होगी और इसका समापन 25 सितंबर के दिन सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर होगा।
गणेश चतुर्थी तिथि पूजा विधि
सबसे पहले सुबह उठें और स्नान करें। इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। स्वच्छ आसन या चौकी पर भगवान को विराजित करें। भगवान की प्रतिमा या चित्र के आगे धूप-दीप प्रज्जवलित करें। ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपते नमः का जाप करें। पूजा के बाद भगवान को लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं। शाम को व्रत कथा पढ़कर चांद देखकर अपना व्रत खोलें। व्रत पूरा करने के बाद दान करें।