धर्म-अध्यात्म

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर पहली बार घर बैठा रहे हैं गणपति बप्पा तो इन बातों का रखें ध्यान

Bharti Sahu 2
2 Sep 2024 5:31 AM GMT
Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर पहली बार घर बैठा रहे हैं गणपति बप्पा तो इन बातों का रखें ध्यान
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Ganesh Chaturthi 2024: इस साल यह पावन तिथि 7 सितंबर को पड़ रही है। इसी दिन से गणेश चतुर्थी का उत्सव प्रारंभ होगा। गणेश चतुर्थी पर जहां बड़े-बड़े और भव्य पंडालों में बप्पा की मूर्ति को विराजित किया जाता है। वहीं इस पावन अवसर पर लोग अपने घरों में भी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं। अगर आप भी पहली बार अपने घर पर गणपति बप्पा को बैठा रहे हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें, तभी आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।
गणेश जी की ऐसी मूर्ति घर लाएं
गणेश जी घर पर बैठा रहे हैं तो सबसे मूर्ति का चयन करते समय इन बातों का ध्यान रखें। भगवान गणेश की वो मूर्ति घर लाएं जिसमें उनकी सूंड बाईं ओर झुकी हो। बप्पा की मूर्ति में उनकी सवारी मूषक और मोदक हो। ये भी ध्यान रखें कि प्रतिमा का एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में हो और दूसरा हाथ मोदक पकड़े हुए हो। कहते हैं कि गणपति जी की ऐसी मूर्ति घर लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। गणेश जी की सूंड जिसमें दाहिने तरफ हो वैसी मूर्ति घर नहीं लाना चाहिए। बप्पा की ऐसी मूर्ति की पूजा करना कठिन होता है।
दिशा और स्वच्छता रखें ध्यान
गणपति जी की मूर्ति घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। बप्पा की प्रतिमा ऐसे रखें कि उनका मुख उत्तर दिशा की तरफ हो। गणशे जी को घर लाने से पहले उस जगह को साफ और शुद्ध कर लें जहां बप्पा की मूर्ति को बैठाना है। एक साफ चौकी पर एक नया वस्त्र बिछाएं उसके बाद गणपित जी की प्रतिमा को स्थापित करें।
पूजा विधि
गणेश चतुर्थी पर बप्पा की मूर्ति घर ला रहे हैं तो पहले उस स्थान को साफ-सुथरा कर लें। इसके बाद घर पर बप्पा का स्वागत करें। गणेश प्रतिमा को स्थापित करें। अब उसपर शुद्ध गंगाजल छिड़कें फिर प्रतिमा पर अक्षत अर्पित करें। भगवान गणेश के साथ-साथ रिद्धि और सिद्धि की भी स्थापना भी जरूर करें।
भोग
अगर आपने घर पर गणेश जी को स्थापित किया है तो जब तक वो आपके घर पर उनकी पूजा विधिपूर्वक करें। दिन में कम से कम 3 बार भोग लगाएं। इससे साथ ही गणपति बप्पा को फल, फूल, मिठाई और मोदक का भी भोग जरूर लगाएं। गणेश जी को मोदक अति प्रिय है। रोजाना भगवान गणेश जी की आरती और मंत्रों का उच्चारण भी अवश्य करें।
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