धर्म-अध्यात्म

Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन से क्यों लगता है कलंक? जानें कथा

Tulsi Rao
7 Sep 2021 10:07 AM GMT
Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन से क्यों लगता है कलंक?  जानें कथा
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का दर्शन करना वर्जित माना गया है। यदि गणेश चतुर्थी के दिन आप चंद्रमा का दर्शन कर लेते हैं तो आप पर झूठे कलंक लग सकते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का दर्शन करना वर्जित माना गया है। यदि गणेश चतुर्थी के दिन आप चंद्रमा का दर्शन कर लेते हैं, तो आप पर झूठे कलंक लग सकते हैं। इस बारे में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी घटना है, जिसमें वे गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन कर लेते हैं और उन पर स्यामंतक मणि चोरी करने का मिथ्या कलंक लग जाता है। हिन्दी पंचांग के अनुसार, इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व 10 सितंबर को है। ऐसे में आपको जानना चाहिए कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को न देखने के पीछे वह क्या वजह है, जिससे चंद्रमा को गणेश जी के श्राप का भागी बनना पड़ा।

जब गणेश जी ने चंद्र देव को दिया श्राप
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब गणेश जी माता पार्वती के आदेश पर घर के मुख्य पर खड़े होकर पहरा दे रहे थे। तभी भगवान शिव वहां आए और अंदर जाने लगे, तो गणेश जी ने उनको रोक दिया। बार-बार समझाने पर भी वे शिव जी को अंदर जाने से रोक दिए। तब गुस्से में महादेव ने उनका सिर काट दिया। तब तक पार्वती जी वहां आ गईं।
उन्होंने शिव जी से कहा कि आपने क्या अनर्थ कर दिया, ये पुत्र गणेश हैं। आप उनको फिर से जीवित करें। माता पार्वती के कहने पर भगवान​ शिव ने गणेश जी को गजानन मुख प्रदान कर जीवन दिया। गजमुख के साथ दोबारा जीवन पाने पर सभी देवी देवता गणपति को आशीर्वाद दे रहे थे, लेकिन वहां मौजूद चंद्र देव गणपति को देखकर मुस्कुरा रहे थे।
गणेश जी समझ गए कि चंद्र देव उनके स्वरुप को देखकर घमंड से ऐसा कर रहे हैं। चंद्र देव को अपनी सुंदरता पर अभिमान था। वे गणेश जी का उपहास कर रहे ​थे। तब गणेश जी ने नाराज होकर चंद्र देव को श्राप दे दिया कि तुम हमेशा के लिए काले हो जाओगे। श्राप के प्रभाव से चंद्र देव की सुंदरता खत्म हो गई और वे काले हो गए।
तब चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने गणेश जी से क्षमा मांगी। तब गणपति ने कहा कि आप पूरे एक मास में सिर्फ एक बार अपनी पूर्ण कलाओं से युक्त हो सकते हैं। इस वजह से ही पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी समस्त कलाओं से युक्त होते हैं।
चंद्र दर्शन के दोष से मुक्ति का उपाय
गणेश चतुर्थी के दिन भूलवश चंद्रमा को देखने से व्यक्ति पर गलत आरोप लग सकते हैं। इस दोष से मुक्ति के लिए व्यक्ति को श्रीकृष्ण जी से संबंधित स्यामंतक मणि के चोरी होने वाली कथा पढ़नी या सुननी चाहिए।


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