धर्म-अध्यात्म

Galtaji Temple आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम

Tara Tandi
1 Jun 2025 8:25 AM GMT
Galtaji Temple आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम
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Galtaji Temple ज्योतिष न्यूज़: जयपुर शहर अपनी राजसी भव्यता, गुलाबी इमारतों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है, लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा स्थल भी है जो न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है — गलता जी मंदिर।अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा यह प्राचीन मंदिर अपनी पौराणिकता, सुंदरता और रहस्यमयी आभा के कारण भक्तों और सैलानियों दोनों को समान रूप से आकर्षित करता है। यहां हर दिन सैकड़ों की संख्या में न केवल श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं बल्कि विदेशी पर्यटक भी इस स्थान की शांति, वास्तुकला और प्राकृतिक परिवेश से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
प्राचीनता से जुड़ी आस्था
गलता जी मंदिर का धार्मिक महत्व बहुत पुराना है। मान्यता है कि इस स्थान पर महर्षि गालव ने वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। इसी कारण इस स्थान का नाम "गालव" से प्रेरित होकर "गलता" पड़ा। बाद में यहां भव्य मंदिरों का निर्माण कराया गया, जो आज भी वैभव और भक्ति का प्रतीक हैं।गलता जी मंदिर का प्रमुख आकर्षण है — यहां स्थित अखंड जलधारा और गलता कुंड। कहा जाता है कि यह जल कभी नहीं सूखता, और इसे गंगाजल के समान पवित्र माना जाता है। श्रद्धालु यहां आकर पवित्र स्नान करते हैं और अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं।
500 वर्षों से जल रही अखंड ज्योत
गलता जी मंदिर की सबसे प्रमुख और रहस्यमयी विशेषता है यहां लगभग 500 वर्षों से जल रही अखंड ज्योत। यह ज्योत न केवल मंदिर की दिव्यता को दर्शाती है बल्कि यहां की सनातन परंपराओं और अखंड श्रद्धा का प्रतीक भी है।
कहा जाता है कि एक तपस्वी साधु ने इस ज्योत को जलाया था और तब से लेकर आज तक यह लौ बिना बुझी निरंतर जल रही है। इसकी देखरेख मंदिर के महंत और सेवकगण पीढ़ी दर पीढ़ी करते आ रहे हैं। रामनवमी और अन्य प्रमुख हिंदू पर्वों पर इस ज्योत के दर्शन का विशेष महत्व होता है।
पर्यटकों के लिए स्वर्ग समान
गलता जी केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि पर्यटकों के लिए एक अद्भुत प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल भी है। जयपुर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थान अरावली की गोद में बसा हुआ है, जहां तक पहुंचने के लिए आपको पहाड़ी रास्तों और पुराने स्थापत्य के बीच से गुजरना होता है।यहां की संरचनाएं गुलाबी पत्थरों से बनी हुई हैं, जो सूर्यास्त के समय स्वर्णिम आभा से चमक उठती हैं। गलता जी परिसर में कई मंदिर हैं, जिनमें प्रमुख है हनुमान मंदिर, राम मंदिर और सूर्य मंदिर। इन मंदिरों की वास्तुकला राजस्थानी परंपरा की उत्कृष्ट मिसाल है।यहां बड़ी संख्या में लंगूर और बंदर भी रहते हैं, जिन्हें पर्यटक विशेष आकर्षण के रूप में देखते हैं। यही कारण है कि इस स्थान को कभी-कभी 'मंकी टेम्पल' भी कहा जाता है, खासकर विदेशी पर्यटकों के बीच।
फोटोग्राफी और अध्यात्म का अद्भुत संगम
गलता जी मंदिर क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता और स्थापत्य वैभव का अद्भुत मिश्रण है। कई फोटोग्राफर्स और ट्रैवल ब्लॉगर्स इस स्थान को अपनी यात्रा डायरी का हिस्सा बनाते हैं। पहाड़ियों के बीच स्थित गलता कुंड, मंदिर की छतरियां, पुरानी दीवारों पर बनी चित्रकारी, और सूर्यास्त के समय की प्राकृतिक रोशनी — इन सबका सम्मिलित प्रभाव यहां की तस्वीरों को जीवंत बना देता है।इसी कारण यह स्थान इंस्टाग्राम से लेकर ट्रैवल वेबसाइट्स तक पर लोकप्रिय होता जा रहा है।
ध्यान, साधना और आत्मिक शांति का केंद्र
जो लोग भीड़-भाड़ से दूर रहकर आत्मिक शांति की तलाश में हैं, उनके लिए गलता जी किसी तपोभूमि से कम नहीं। यहां कई साधु-संत और तपस्वी आज भी निवास करते हैं और अपनी साधना में लीन रहते हैं। सुबह-शाम की आरती, मंदिर प्रांगण में शांति और कुंड के पास बैठकर ध्यान करना, आत्मा को भीतर तक शुद्ध कर देता है।
पर्वों पर उत्सव का माहौल
रामनवमी, मकर संक्रांति, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और कार्तिक पूर्णिमा जैसे अवसरों पर गलता जी मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं। भक्त बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं, भजन-कीर्तन, रामायण पाठ, पूजा-अर्चना और दान-पुण्य जैसे आयोजनों से पूरा वातावरण आध्यात्मिक रंग में रंग जाता है।
कैसे पहुंचें गलता जी?
गलता जी मंदिर जयपुर शहर से केवल 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान टैक्सी, ऑटो या निजी वाहन से आसानी से पहुँचा जा सकता है। मंदिर के पास पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है, और यहां से मंदिर तक पैदल चढ़ाई भी एक रोमांचकारी अनुभव देती है।
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