धर्म-अध्यात्म

इस दिन रखा जाएगा गज लक्ष्मी व्रत, मंत्रो से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न, बढ़ेगी धन-संपदा

Shiddhant Shriwas
28 Sep 2021 2:28 AM GMT
इस दिन रखा जाएगा गज लक्ष्मी व्रत, मंत्रो से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न, बढ़ेगी धन-संपदा
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हिंदू धर्म शास्त्र में मां लक्ष्मी को धन की देवी बताया गया है। इनकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से मानी गई है और ये श्री हरि भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म शास्त्र में मां लक्ष्मी को धन की देवी बताया गया है। इनकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से मानी गई है और ये श्री हरि भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। इनकी पूजा से आपके जीवन धन-वैभव और ऐश्वर्य का आगमन होता है। प्रत्येक वर्ष भादप्रद में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत आरंभ होते हैं और 16 दिनों तक चलने वाले इस व्रत का समापन अश्विन मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन होता है। इस दिन विधि-विधान के साथ पूजन करके 16 दिनों के महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन किया जाता है। इस दिन को गजलक्ष्मी व्रत के रुप में जाना जाता है। गजलक्ष्मी व्रत में मां महालक्ष्मी के गजलक्ष्मी स्वरूप की पूजा होती है। इस स्वरुप में मां लक्ष्मी गज यानी हाथी के आसन पर विराजमान होती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन और मंत्र जाप से उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं मां लक्ष्मी को प्रसन्न करे के लिए मंत्र जाप और गजलक्ष्मी व्रत की तिथि।

गजलक्ष्मी व्रत का महत्व-

गजलक्ष्मी व्रत को करने के साथ ही 16 दिनों तक चलने वाले महालक्ष्मी व्रत का समापन भी हो जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन मां गज लक्ष्मी का व्रत और पूजन से घर की आर्थिक तंगी दूर होती है। व्यक्ति के जीवन में धन-संपदा का आगमन होता है और कभी रुपए-पैसों की तंगी नहीं होती है। भक्तों को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है और जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती है।

कब है गजलक्ष्मी व्रत, जानिए तारीख

हिंदी पंचांग के अनुसार, इस बार गजलक्ष्मी व्रत 29 सितंबर 2021 दिन बुधवार को रखा जाएगा।

अश्विन मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि आरंभ- 28 सितंबर 2021 दिन मंगलवार को शाम 06 बजकर 16 मिनट से

अश्विन मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त- 29 सिंतबर 2021 दिन बुधवार रात 08 बजकर 29 मिनट पर

मां महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रो का जाप-

गजलक्ष्मी व्रत के दिन प्रातः उठकर स्नानादि करने के पश्चात व्रत का संकल्प करें। अब इत्र, फल, फूल आदि से मां लक्ष्मी का पूजन करें और इन मंत्रो में से किसी एक का 108 बार जाप करें। मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने के लिए कमलगट्टे की माला का प्रयोग करें। मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं व अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। मां महालक्ष्मी की कृपा से जीवन में कभी रुपए-पैसों की कमी नहीं होती है और व्यक्ति आर्थिक रुप से संपन्न होता है।

मां लक्ष्मी के मंत्रः

ऊं ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:

ऊं नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोद्यात

ऊं मां लक्ष्मी मंत्रः

ऊं विद्या लक्ष्म्यै नम:

ऊं आद्य लक्ष्म्यै नम:

ऊं सौभाग्य लक्ष्म्यै नम:


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