धर्म-अध्यात्म

इस दिन से श्रद्धालु कर सकते हैं 'हेमकुंड साहिब' की यात्रा

Gulabi
20 March 2021 3:09 PM GMT
इस दिन से श्रद्धालु कर सकते हैं हेमकुंड साहिब की यात्रा
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हर साल 7 से 8 महीने तक बर्फ ही जमी रहती है

वैसे तो सिखों कई गुरद्वारे हैं जो प्रसिद्ध हैं और देश के कई अलग-अलग राज्यों में स्थित हैं. पटना साहिब, बंगला साहिब, शीशगंज गुरुद्वारा जैसे और भी कई सारे गुरुद्वारे देश में हैं जहां हर साल श्रद्धालु काफी तादाद में मत्था टेकने के लिए जाते हैं.

हालांकि, बीते साल कोरोना महामारी के चलते ये संभव नहीं हो पाया लेकिन इस साल से ये यात्राएं फिर से शुरू हो गई हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड के हेमकुंड साहिब के पट को भी खोलने का निर्णय लिया गया है. अब श्रद्धालु यहां आकर हेमकुंड साहिब का दर्शन कर सकते हैं.
श्री हेमकुंड साहिब 10 मई 2021 से खुलने जा रहा है
सिखों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री हेमकुंड साहिब 10 मई 2021 से खुलने जा रहा है. हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्र्स्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिंद्रा ने ये जानकारी दी है कि बीते मंगलवार को उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुल्कात की है.
इस मुलाकात के बाद हेमकुंड साहिब के कपाट 10 मई से खोलने का निर्णय लिया गया. इसके कपाट पहले 1 जून 2021 से खोले जाने वाले थे. कोरोना महामारी की वजह से पिछले एक साल से हेमकुंड साहिब की यात्रा लोग नहीं कर पा रहे थे लेकिन अब श्रद्धालु यहां आकर मत्था टेक सकेंगे.
तैयारियां भी जोरों-शोरों से शुरू हो चुकी हैं
अब जबकि हेमकुंड साहिब के कपाट को खोलने का निर्णय लिया जा चुका है तो ऐसे में इसको लेकर तैयारियां भी जोरों-शोरों से शुरू हो चुकी हैं. ट्र्स्ट की मानें तो अप्रैल महीने के पहले हफ्ते में ही भारतीय सेना की टीम हेमकुंड साहिब के रास्ते में बिछे हुए बर्फ को हटाने का काम शुरू कर देगी, जिससे कि श्रद्धालुओं को यहां तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो सके.
उत्तराखंड के गढ़वाल में हिमालय की गोद में हेमकुंड साहिब स्थित हैं. ये सिखों की आस्था का बहुत ही बड़ा केंद्र माना जाता है. हर साल काफी तादाद में श्रद्धालु यहां मत्था टेकने के लिए आते हैं. देश भर से ही नहीं बल्कि विदेश से भी काफी तादाद में श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए आते हैं. हेमकुंड साहिब समुद्र तल से 4329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं.
हर साल 7 से 8 महीने तक बर्फ ही जमी रहती है
हेमकुंड साहिब की यात्रा को काफी कठिन माना जाता रहा है. ऐसा इसलिए क्यूंकि यहां पर हर साल 7 से 8 महीने तक बर्फ ही जमी रहती है और मौसम सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आता है. हेमकुंड साहिब तक जाने का एकमात्र रास्ता यही है. इसके अलावा कोई और रास्ता वहां तक नहीं जाता. श्रद्धालु यहां आकर असीम शांति का अनुभव करते हैं.
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