धर्म-अध्यात्म

Friday remedies : शुक्रवार के दिन करें ये उपाय, धन की होगी प्राप्ति

Tara Tandi
28 Jun 2024 9:41 AM GMT
Friday remedies : शुक्रवार के दिन करें ये उपाय, धन की होगी प्राप्ति
x
Friday remediesज्योतिष न्यूज़ : आज शुक्रवार का दिन है जो कि धन की देवी माता लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को समर्पित है इस दिन भक्त पूजा पाठ और व्रत करते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है
लेकिन इसी के साथ ही अगर आज के दिन शुक्र देव की पूजा करने लिए उपवास रखते हुए शुक्र स्तोत्र और कवच का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है और कार्यों में सफलता व धन प्राप्ति के योग बनते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी पाठ।
।।शुक्र कवच।।
मृणालकुन्देन्दुषयोजसुप्रभं पीतांबरं प्रस्रुतमक्षमालिनम् ।
समस्तशास्त्रार्थनिधिं महांतं ध्यायेत्कविं वांछितमर्थसिद्धये ॥
ॐ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः ।
नेत्रे दैत्यगुरुः पातु श्रोत्रे मे चन्दनदयुतिः ॥
पातु मे नासिकां काव्यो वदनं दैत्यवन्दितः ।
जिह्वा मे चोशनाः पातु कंठं श्रीकंठभक्तिमान् ॥
भुजौ तेजोनिधिः पातु कुक्षिं पातु मनोव्रजः ।
नाभिं भृगुसुतः पातु मध्यं पातु महीप्रियः॥
कटिं मे पातु विश्वात्मा ऊरु मे सुरपूजितः ।
जानू जाड्यहरः पातु जंघे ज्ञानवतां वरः ॥
गुल्फ़ौ गुणनिधिः पातु पातु पादौ वरांबरः ।
सर्वाण्यङ्गानि मे पातु स्वर्णमालापरिष्कृतः ॥
य इदं कवचं दिव्यं पठति श्रद्धयान्वितः ।
न तस्य जायते पीडा भार्गवस्य प्रसादतः ॥
।।शुक्र स्तोत्र।।
नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित ।
वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम:।।
देवयानीपितस्तुभ्यं वेदवेदांगपारग:।
परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर:।।
प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम:।
नमस्तस्मै भगवते भृगुपुत्राय वेधसे ।।
तारामण्डलमध्यस्थ स्वभासा भसिताम्बर:।
यस्योदये जगत्सर्वं मंगलार्हं भवेदिह ।।
अस्तं याते ह्यरिष्टं स्यात्तस्मै मंगलरूपिणे ।
त्रिपुरावासिनो दैत्यान शिवबाणप्रपीडितान ।।
विद्यया जीवयच्छुक्रो नमस्ते भृगुनन्दन ।
ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन ।
बलिराज्यप्रदो जीवस्तस्मै जीवात्मने नम:।
भार्गवाय नमस्तुभ्यं पूर्वं गीर्वाणवन्दितम ।।
जीवपुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम: ।
नम: शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि ।।
नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने ।
स्तवराजमिदं पुण्य़ं भार्गवस्य महात्मन:।।
य: पठेच्छुणुयाद वापि लभते वांछित फलम ।
पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभते श्रियम ।।
राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम ।
भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं सामहितै:।।
अन्यवारे तु होरायां पूजयेद भृगुनन्दनम ।
रोगार्तो मुच्यते रोगाद भयार्तो मुच्यते भयात ।।
यद्यत्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा ।
प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत:।।
सर्वपापविनिर्मुक्त: प्राप्नुयाच्छिवसन्निधि:।।
Next Story