धर्म-अध्यात्म

हर काम में सफलता और भोलेनाथ की कृपा के लिए सोमवार को करें ये आसान उपाय

Kajal Dubey
7 March 2022 2:41 AM GMT
हर काम में सफलता और भोलेनाथ की कृपा के लिए सोमवार को करें ये आसान उपाय
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सोमवार के दिन व्रत और पूजा करने से श‍िव जी अपने भक्‍तों पर बहुत जल्‍द खुश होते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज साल 2022 के मार्च महीने का पहला और पाल्गून महीने का तीसरा सोमवार है। ऐसे तो हिंदू धर्म में सभी दिनों का अपना-अपना अलग-अलग महत्व है। हिंदू धर्म में पुरातन काल से ही सोमवार का संबंध भोले नाथ से रहा है। इस दिन को भोले भंडारी (Bhole Bhandari) के भक्त खास मानते हैं और उनकी अराधना करते हैं।

मान्यता के मुताबिक सोमवार के दिन व्रत और पूजा करने से श‍िव जी अपने भक्‍तों पर बहुत जल्‍द खुश होते हैं। वे भक्‍तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। व्रत और पूजा करने वालों के जीवन से दुख, रोग, क्‍लेश व आर्थि‍क तंगी दूर होती है। कुवांरी कन्‍याओं द्वारा इस द‍िन व्रत व शि‍व पूजन कि‍ए जाने से उनका व‍िवाह हो जाता है। इतना ही नहीं उन्‍हें भोलेनाथ (Bholenath) जैसा मनचाहा वर म‍िलता है।
सोमवार के द‍िन सुबह स्‍नान आद‍ि करने के बाद मंद‍िर जाएं या घर पर ही विधिविधान से श‍िव जी (Shivji) की पूजा करें। सबसे पहले भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल और दूध से स्‍नान कराएं। इसके बाद उन पर चंदन, चावल, भांग, सुपाड़ी, बिल्वपत्र और धतूरा चढ़ाएं। भोग लगाने के बाद आख‍िरी में श‍िव जी की व‍िध‍िव‍िधान से आरती करें।
सोमवार को जरूर करें ये काम (Somwar Ke Upay)
- मंदिर में जाकर शिव जी को दूध और मिश्री चढ़ाएं। अगर मंदिर न जा सके तो शिव जी को घर में ये चीजें अर्पित करें
- शिव जी को बिल्पपत्र सर्वाधिक प्रिय है। इसलिए अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सोमवार को शिव शंकर को 11 बिल्व पत्र चढ़ाएं
- इसके अलावा गंगाजल से उनका हर सोमवार अभिषेक करें। मान्यता है कि इससे भगवान शंकर शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं
- ॐ नम शिवाय मंत्र के साथ इन्हें मौसम का कोई मीठा फल अर्पित करें
- मान्यता के मुताबिक शिव जी को इमरती चढ़ाकर भी प्रसन्न किया जा सकता है।
सोमवार को न करें ये काम (Somwar Ke Totke)
- शिवजी की पूजा में दूध का जलाभिषेक किया जाता है। ध्यान रखें गलती से भी तांबे से लौटे में दूध न डालें। तांबे के बर्तन में दूध डालने से दूध संक्रमित होता हो जाता है और चढ़ाने योग्य नहीं रहता।
- शिवलिंग पर दूध, दही, शहद या कोई भी वस्तु चढ़ाने के बाद जल जरूर चढ़ाएं तभी जलाभिषेक पूर्ण होता है।
- शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर कभी भी रोली व सिंदूर की तिलक नहीं करना चाहिए. शिवलिंग पर हमेशा चंदन का ही तिलक करें।
- भगवान शिव के मंदिर में परिक्रमा करते वक्त ध्यान रखें कि कभी भी पूरी परिक्रमा न लगाएं. जहां से दूध बहता है वहां रूक जाएं और वापस घूम जाएं।


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