धर्म-अध्यात्म

घर में सुख-शांति के लिए शीतला अष्टमी पर करें विधि-विधान से पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना

Subhi
9 March 2022 3:44 AM GMT
घर में सुख-शांति के लिए शीतला अष्टमी पर करें विधि-विधान से पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना
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हिन्दू धर्म में हर महीने कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं। सभी व्रत और त्योहारों का अलग-अलग महत्व भी है। वहीं प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी मनाई जाती है।

हिन्दू धर्म में हर महीने कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं। सभी व्रत और त्योहारों का अलग-अलग महत्व भी है। वहीं प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। शीतला अष्टमी को बसौड़ा अष्टमी भी कहा जाता है। बसौड़ा शीतला माता को समर्पित लोकप्रिय त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार ये त्योहार माघ मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। जो कि होली के आठवें दिन पड़ता है। मान्यता के अनुसार इस दिन पूजा के समय माता शीतला को खासतौर पर मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है। ये चावल गुड़ या गन्ने के रस से बनाए जाते हैं। कहा जाता है कि शीतला अष्टमी के दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति बनी रहती है। आइए जानते हैं इस साल कब है शीतला अष्टमी या बसौड़ा और क्या है इसका महत्व....

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। इस वर्ष शीतला अष्टमी 25 मार्च 2022, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन माता शीतला की विधि-विधान से पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है।

सनातन धर्म में शीतला अष्टमी का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन माता शीतला की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसके साथ ही रोगों से भी मुक्ति मिलती है, क्योंकि माता शीतला को शीतलता प्रदान करने वाला कहा गया है।


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