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- महाअष्टमी तिथि पर...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां के महागौरी रूप का पूजन किया जाता है। महागौरी को माता पार्वती का ही एक रूप माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। जिस कारण उनका शरीर काला पड़ गया था, भगवान शिव ने उन पर गंगा जल छिड़क कर पुनः गोरा रंग प्रदान किया। तब से मां के इस रूप को महागौरी कहा जाता है। इस साल अष्टमी की तिथि 13 अक्टूबर, दिन बुधवार को पड़ रही है। इस दिन मां के पूजन के साथ ज्योतिष के कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें करने से आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।
1-नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा को लाल रंग की चुनरी में सिक्के और बताशे रख कर चढ़ाएं।ऐसा करना चाहिए जिससे मां आपकी सभी मुरादें पूरी करती हैं।
2- महागौरी के पूजन के दिन कन्या भोज का भी विधान है। इस दिन 9 कन्याओं को उनके मन का भोज कराने के बाद, उन्हें खेल-कूद, शिक्षा या उनकी जरूरत का कुछ भी लाला रंग का सामान जरूर भेंट करें। मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
3- अष्टमी के दिन किसी सुहागिन स्त्री को लाल रंग की साड़ी और श्रृगांर का समान भेंट करें। हो सके तो एक चांदी का सिक्का भी दें, ऐसा करने से आपके घर परिवार में सुख- समृद्धि आएगी और साल भर घर में धन की आवक बनी रहेगी।
4- नवरात्रि की अष्टमी के दिन तुलसी जी के पास नौ दिये जलाएं और उनकी परिक्रमा करें। घर से सभी रोग-दोष का नाश होगा और परिवार में सुख आएगा।
5- अष्टमी की तिथि पर पीपल के 11 पत्तों पर घी सिंदूर से भगवान राम का नाम लिख कर माला बनाएं। ये माला हनुमान जी को पहना दें। आपके घर से सभी तरह की आपदा और विपत्तियां दूर रहेंगी।
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''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''