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धर्म अध्यात्म: हिंदू धर्म में रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित किया गया है. मान्यता है कि सूर्य ही एकमात्र ऐसे देव हैं, जो नियमित रूप से भक्तों को साक्षात दर्शन देते हैं. व्यक्ति के जीवन में सूर्य का बहुत बड़ा योगदान होता है. कहा जाता है कि यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत है, तो व्यक्ति को जीवन में खूब कामयाबी और यश की प्राप्ति होती है. वहीं यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक नहीं है तो जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रोजाना सुबह सूर्य को जल देना चाहिए.
हिंदू धर्म में सूर्य को देवता की तरह पूजा जाता है. ज्यादातर लोग सुबह पूजा पाठ करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देते हैं. सूर्य को अर्घ्य देने से भाग्योदय होता है और मान सम्मान में वृद्धि होती है. इसके अलावा यदि किसी कारण विवाह में देर हो रही है, तो नियमित सूर्य को जल देने से शीघ्र ही अच्छे रिश्ते आते हैं.
सूर्य के बिना पूरी दुनिया शून्य
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला बताते हैं कि हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी परंपरा है कि जब कोई हमारे द्वार पर अतिथि आता है तो एक लोटा शुद्ध जल उनको दिया जाता है. उनको प्रणाम किया जाता है. यह परंपरा हमारे बड़े बुजुर्ग, ऋषि मुनियों ने शुरू की थी. वैसे ही हमें सूर्य भगवान की आराधना करनी चाहिए. जिनके बिना पूरी दुनिया शून्य है. दुनिया अंधेरे में हो जाती है. वह देव यानी सूर्यदेव जब निकलकर हमारे घर में आते हैं, तो एक लोटा जल उनके सम्मान और पूजन के निमित्त में चढ़ाया जाता है. जिसे शास्त्रों में अर्घ्य कहा गया है. केवल सादे पानी को देना आतिथ्य सम्मान होता है.
पंडित मनोज शुक्ला आगे बताते हैं कि अर्घ्य यदि हम प्रदान कर रहे हैं तो तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरकर उसमें लाल चंदन, सफेद तिल, लाल पुष्प, पीला चावल उसमें डालकर अच्छे से मिलाएं. फिर दोनों हाथ जितना अधिक ऊपर उठाकर सिर के सामने से अर्घ्य दें, ताकि गिरते हुए जल से सूर्य भगवान को देख सकें. अर्घ्य देते समय पूर्व दिशा की ओर खड़े होना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए.
भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के फायदे
हमारे वैज्ञानिक, बड़े-बड़े डॉक्टर उनका कहना है कि यदि व्यक्ति प्रतिदिन भगवान सूर्य देव को जल अर्घ्य प्रदान करें तो उसमें से निकले वाली रश्मियां और किरणें शरीर को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं. जिससे हमारे शरीर की बहुत सारी बीमारियां और कीटाणु नष्ट होते हैं. इसलिए भगवान सूर्यदेव को प्रतिदिन अर्घ्य देना चाहिए.

Manish Sahu
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