धर्म-अध्यात्म

28 जनवरी को षटतिला एकादशी पर जरूर करें इन नियमों का पालन

Subhi
26 Jan 2022 1:37 AM GMT
28 जनवरी को षटतिला एकादशी पर जरूर करें इन नियमों का पालन
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हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो एकादशी का व्रत रखा जाता है, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो एकादशी का व्रत रखा जाता है, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार 28 जनवरी, शुक्रवार को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। माघ का महीना स्नान, दान और तप करने के लिए विशेष माह माना गया है। ऐसे में इस माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली षटतिला एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है। षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करने और व्रत-पूजा एवं तिल दान करने से मनुष्य को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी समस्त पापों का नाश करती है। जितना पुण्य कन्यादान, हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्ण दान से मिलता है, उससे अधिक फल प्राणी को षटतिला एकादशी का व्रत करने से मिलता है। सनातन धर्म में एकादशी व्रत करने के कुछ नियम बताए गए हैं जिसका पालन करने पर पुण्य की प्राप्ति होती है।

षटतिला एकादशी व्रत के नियम

-एकादशी व्रत का पालन करने वाले साधक को इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

-षटतिला एकादशी का व्रत रखने से एक दिन पहले व्रती को मांसाहार और तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा लहसुन और प्याज से बने भोजन को नहीं करना चहिए।

-षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में पीली वस्तुओं का भोग लगाएं और तिल से बनी चीजों को अर्पित करें।

- षटतिला एकादशी पर गंगा स्नान करके गरीबों को तिल और कंबल का दान करना चाहिए।

- एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना का होता है, इस दिन सिर्फ भगवान का गुणगान करना चाहिए। एकादशी के दिन गुस्सा नहीं करना चाहिए और वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए।

- एकादशी के दिन महिलाओं का अपमान करने से व्रत का फल नहीं मिलता है। सिर्फ एकादशी के दिन ही नहीं व्यक्ति को किसी भी दिन महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए।

- इस दिन भगवान विष्णु के पसीने से उत्पन्न तिल और माता लक्ष्मी के द्वारा प्रकट किए गन्ने के रस से बने गुड के मिष्ठान बनाकर उसे दान करना चाहिए।

षटतिला एकादशी का पूजाविधि

षटतिला एकादशी के दिन जल में तिल और गंगाजल की कुछ बूँदें डालकर स्नान करके पवित्र होकर शुद्धभाव से देवाधिदेव श्री नारायण का स्मरण करें।रोली,मोली,पीले चन्दन,अक्षत,पीले पुष्प,ऋतुफल,मिष्ठान आदि अर्पित कर धूप-दीप से श्री हरि की आरती उतारकर दीप दान करना चाहिए।इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ' का जप एवं विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत फलदायी है। तत्पश्चात श्री कृष्ण नाम का उच्चारण करते हुए भगवान को विधिपूर्वक पूजकर अर्घ्य प्रदान करें ।


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