धर्म-अध्यात्म

धन प्राप्ति के लिए वास्तु के इन नियमों का जरूर करें पालन

Subhi
27 April 2022 4:22 AM GMT
धन प्राप्ति के लिए वास्तु के इन नियमों का जरूर करें पालन
x
हर व्यक्ति की चाहत होती है कि उसका जीवन सुख-सुविधाओं और खुशहाली से भरपूर हो। इसी बेहतर जीवन के लिए वह दिन-रात कड़ी मेहनत करता है। लेकिन कई बार उसे मनचाहा फल की प्राप्ति नहीं होती है।

हर व्यक्ति की चाहत होती है कि उसका जीवन सुख-सुविधाओं और खुशहाली से भरपूर हो। इसी बेहतर जीवन के लिए वह दिन-रात कड़ी मेहनत करता है। लेकिन कई बार उसे मनचाहा फल की प्राप्ति नहीं होती है। जितनी आमदनी नहीं है उससे कहीं ज्यादा खर्च हो जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हमारे आसपास कई ऐसी चीजें मौजूद होती है जिसके कारण नकारात्मक ऊर्जा अधिक उत्पन्न होती है और वास्तु दोष का कारण बनती है और यहीं चीजें व्यक्ति की तरक्की में बाधा उत्पन्न करती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऊर्जा पांच तत्व यानी अग्नि, जल, पृथ्वी, वायु और अंतरिक्ष से मिलकर बनी है। यदि इनमें से कोई भी एक तत्व असंतुलित हो जाता है, तो यह घर में बहुत सारी नकारात्मक भावनाओं को आकर्षित कर लेते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में कभी भी धन की कमी न हो और मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति हो, तो उसके लिए वास्तु के इन नियमों का जरूर पालन करना चाहिए।

घर में किचन ईशान कोण ( उत्तर-पूर्व कोने ) दिशा में होना चाहिए। अगर आपका किचन पश्चिम या फिर आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) दिशा में है तो भी बेहतर है।

वास्तु के अनुसार, घर में बाथरूम की दिशा का निर्धारण जरूर करना चाहिए। कभी भी उत्तर और पश्चिम दिशा में बाथरूम नहीं बनवाना चाहिए।

घर में सुख-समृद्धि के लिए उत्तर दिशा की ओर एक नीली रंग की बोतल में मनी प्लांट लगाकर रखें। इससे आपको लाभ मिलेगा

घर में अलमारी या फिर तिजोरी भी सही दिशा में रखना बेहद जरूरी है। इसलिए धन-धान्य के लिए तिजोरी को दक्षिण दिशा की दीवार से सटाकर रखना चाहिए यानी तिजोरी का मुख उत्तर दिशा की ओर खुलना चाहिए।

वास्तु के अनुसार, पश्चिम दिशा में कोई पौधे या वनस्पति नहीं रखना चाहिए। इससे तरक्की में बाधा आती है।

घर में तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है आर्थिक स्थिति को सही रखने के लिए तुलसी के पौधे को पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए।

घर में मौजूद शीशा भी नेगेटिव एनर्जी तेजी से उत्पन्न करके तरक्की में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसलिए कभी भी दर्पण को पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर न लगाएं।


Next Story