धर्म-अध्यात्म

गर्भधारण को लेकर शास्त्रों के इन नियमों का करें पालन, मिलता है श्रेष्ठ संतान

Gulabi
31 Aug 2021 5:33 AM GMT
गर्भधारण को लेकर शास्त्रों के इन नियमों का करें पालन, मिलता है श्रेष्ठ संतान
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जीवन में हर व्यक्ति को संतान सुख की कामना होती है. साथ ही हर शख्स चाहता है

जीवन में हर व्यक्ति को संतान सुख की कामना होती है. साथ ही हर शख्स चाहता है कि उसकी संतान सकुशल हो, स्वस्थ हो, हर मामले में श्रेष्ठ हो और कुल का नाम रोशन करने वाली हो. वैसे तो ये सब संस्कारों पर निर्भर करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शास्त्रों में श्रेष्ठ संतान पाने के भी कुछ नियम बताए गए हैं ? गरुड़ पुराण में श्रेष्ठ संतान के इच्छुक लोगों के लिए गर्भधारण के शुभ समय का​ जिक्र किया गया है और कुछ नियमों का पालन करने की बात कही गई है. साथ ही कहा गया है कि इससे संतान गुणवान, योग्य, यशस्वी पैदा होती है और दीर्घायु प्राप्त करती है. जानिए उन नियमों के बारे में.

1. गरुड़ पुराण के मुताबिक श्रेष्ठ संतान चाहते हैं तो जिन दिनों में महिला को माहवारी होती है, उन दिनों में पति और पत्नी दोनों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. साथ ही मर्यादित व्यवहार करना चाहिए.
2. शुद्ध होने के बाद 7 दिनों तक स्त्री को गर्भधारण के प्रयास से बचना चाहिए. इन दिनों में महिला का शरीर कमजोर होता है. ऐसे में यदि महिला गर्भवती हो जाए, तो महिला और उसके बच्चे, दोनों पर इसका विपरीत असर पड़ता है और तमाम समस्याएं सामने आती हैं.
3. माहवारी से शुद्ध होने के बाद आठवीं और चौदहवीं रात गर्भधारण के लिए अच्छी मानी गई है. इससे उत्तम और योग्य संतान प्राप्त‌ होती है. ऐसी संतान दीर्घायु होने के साथ गुणवान, भाग्यशाली और व्यवहार कुशल होती है.
4. दिन के हिसाब से सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को कंसीव करने के लिहाज से शुभ दिन माना गया है और अष्टमी, दशमी और बारहवीं तिथि को शुभ माना गया है.
5. नक्षत्रों में रोहिणी, मृगशिरा, हस्त, चित्रा, पुनर्वसु, पुष्य, ​स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, उत्तराषाढ़ा और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र को शुभ माना गया है.
6. गर्भधारण के दिन पति-पत्नी दोनों का चन्द्रमा बलवान हो. सोच सकारात्मक हो और भावना अच्छी हो क्योंकि उस वक्त की आपकी भावना का असर बच्चे पर भी पड़ता है. इसके अलावा नौ महीने तक मां का आचरण अच्छा हो, वो खुश रहे, पूजा पाठ करे, दान पुण्य और अच्छी किताबें पढ़े. मां द्वारा किए गए ये काम बच्चे में गुण के रूप में नजर आते हैं.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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